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16 साल की बच्ची को स्कूल जाते समय आया हार्ट अटैक, मौके पर हो गई मौत

Heart Attack: एक दर्दनाक घटना सामने आई है जहां स्कूल जा रही 16 वर्षीय छात्रा को दिल का दौरा पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

हैदराबाद तेलंगानाFeb 21, 2025 / 09:55 am

Shaitan Prajapat

Heart Attack: तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है जहां स्कूल जा रही 16 वर्षीय छात्रा को दिल का दौरा पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक छात्रा की पहचान श्री निधि रामारेड्डी के रूप में हुई है, जो सिंगरायपल्ली गांव की रहने वाली थी और कामारेड्डी में रहकर एक निजी स्कूल में कक्षा 10 में पढ़ रही थी।

अचानक सीने में हुआ तेज दर्द, बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी

गुरुवार सुबह श्री निधि रोज की तरह स्कूल जा रही थी, जब स्कूल के पास अचानक उसे सीने में तेज दर्द हुआ और वह जमीन पर गिर पड़ी। आसपास मौजूद एक स्कूल टीचर ने तुरंत स्थिति को भांपते हुए उसे पास के अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने श्री निधि को बचाने के लिए सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और अन्य प्रारंभिक उपचार दिए, लेकिन छात्रा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उसे एक दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

स्कूल में शोक की लहर

घटना से स्कूल में शोक की लहर दौड़ गई। शिक्षकों और सहपाठियों ने श्री निधि के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। स्कूल के कई छात्रों ने कहा कि वे इस अप्रत्याशित घटना से स्तब्ध हैं। छात्रा का शव उसके परिवार को सौंप दिया गया और अंतिम संस्कार के लिए उसके पैतृक गांव ले जाया गया।
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हाल के महीनों में बच्चों में दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ीं

श्री निधि की मौत से कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं। सिरौली गांव के कक्षा 6 के छात्र मोहित चौधरी (14 वर्ष) की वार्षिक खेल दिवस की तैयारी करते समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। इसी जिले में आठ वर्षीय दीक्षा नामक बच्ची की भी अपने दोस्तों के साथ खेलते समय हृदयाघात से मृत्यु हो गई थी।

अचानक हृदयाघात के पीछे कारण

इन घटनाओं ने अभिभावकों और शिक्षकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में अचानक हृदयाघात के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें अनुवांशिक कारण, अत्यधिक मानसिक तनाव, अनुचित खानपान और जीवनशैली संबंधी समस्याएं प्रमुख हैं।

दो वर्षों में हृदयाघात से मौतों में 22% की वृद्धि

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एम. रब्बानी ने कहा, “पिछले दो वर्षों में हृदयाघात से होने वाली मौतों में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति एक घंटे के भीतर अचानक मर जाता है तो इसे अचानक हृदयाघात कहा जाता है। बच्चों में सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द की शिकायत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय जांच करानी चाहिए।”

बच्चों में दिल की बीमारियों से बचाव के उपाय

विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की दिल की सेहत का ख्याल रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए:

संतुलित आहार: बच्चों को जंक फूड से दूर रखें और उन्हें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले उत्पाद खिलाएं।
नियमित व्यायाम: बच्चों को नियमित रूप से खेलकूद या व्यायाम के लिए प्रेरित करें, जिससे उनका शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहे।

तनाव प्रबंधन: पढ़ाई का दबाव कम करने के लिए बच्चों को समय-समय पर मानसिक विश्राम दें।
नियमित जांच: अगर परिवार में हृदय रोग का इतिहास है तो बच्चों की नियमित जांच करानी चाहिए।

लक्षणों पर ध्यान दें: यदि बच्चा थकान, चक्कर, सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ की शिकायत करता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत

श्री निधि की दुखद मौत ने एक बार फिर बच्चों में हृदय रोगों के प्रति समाज को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया है। शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव और समय पर चिकित्सा परामर्श से बच्चों की हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव संभव है।

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