राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने शेयर किया ऑडियो
आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। मालीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा कि यह ऑडियो लुधियाना के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का है, जिसके सिर पर “सुपर सीएम” और उनके चेले का हाथ है। उन्होंने दावा किया कि इस अधिकारी को हाल ही में लुधियाना चुनाव के दौरान “सुपर सीएम” ने वहां तैनात किया था, ताकि यह चुनाव में उनकी मदद कर सके और उनकी राज्यसभा सीट सुनिश्चित हो सके। मालीवाल ने आगे लिखा कि इस अधिकारी पर कार्रवाई करने की बजाय, “सुपर सीएम” का एक दूसरा चेला, जो शराब का दलाल है और MeToo का आरोपी भी है, वरिष्ठ पत्रकार आरती टिक्कू और रोहन दुआ को गिरफ्तारी का डर दिखा रहा है। उन्होंने भगवंत मान से अपील की कि वह दिल्ली के दबाव को अपने सिर से हटाएं और इस अधिकारी पर तुरंत कार्रवाई करें, क्योंकि यह पंजाब की बहन-बेटियों की इज्जत का सवाल है। मालीवाल का यह बयान सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चर्चा में है और इसने मामले को और गंभीर बना दिया है।
ऑडियो ने खड़े किए कई सवाल
इस ऑडियो की अभी तक आधिकारिक रूप से स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि इसे कनाडा बेस्ड एक यूट्यूबर हरप्रीत सिंह ने ऑनलाइन शेयर किया था। यह ऑडियो अब न केवल सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, डीजीपी गौरव यादव और आप पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया तक पहुंच गया है। इस मामले ने न सिर्फ पुलिस महकमे, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी तूफान खड़ा कर दिया है।
लुधियाना में उपचुनावों के बीच ऑडियो वायरल
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब पंजाब में पहले से ही भगवंत मान सरकार पर कई मुद्दों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में लुधियाना में हुए उपचुनावों के दौरान इस ऑडियो के लीक होने की टाइमिंग ने राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी है। कुछ लोगों का मानना है कि यह ऑडियो जानबूझकर चुनावों के समय लीक किया गया ताकि आप सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। वहीं, आप के एक वरिष्ठ सदस्य ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इसकी जांच स्वतंत्र रूप से शुरू हो सकती है और ऑडियो सैंपल की फोरेंसिक जांच भी की जा सकती है।
पुलिस की विश्वसनीयता पर भी सवाल
इस मामले ने पंजाब पुलिस की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले भी पंजाब पुलिस कई विवादों में घिर चुकी है, जैसे कि हाल ही में मोहाली में 2007 के मोगा सेक्स स्कैंडल मामले में चार पूर्व पुलिस अधिकारियों को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। इस नए स्कैंडल ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। जनता और विपक्षी दलों की ओर से भगवंत मान सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए और दोषी अधिकारी को सजा दी जाए। यह घटना न केवल पंजाब की राजनीति और प्रशासन को प्रभावित कर रही है, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के मुद्दे को भी उजागर कर रही है। मालीवाल की अपील और इस ऑडियो के वायरल होने के बाद अब सभी की नजरें भगवंत मान पर टिकी हैं कि वह इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। पंजाब की जनता इस बात का इंतजार कर रही है कि क्या सरकार इस मामले में पारदर्शिता और सख्ती दिखाएगी, या फिर यह विवाद भी राजनीतिक दबाव में दबकर रह जाएगा।