शशि थरूर की मौजूदगी ने मचाई हलचल
विझिनजम बंदरगाह, जो भारत के समुद्री व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करता है, इस दिन के केंद्र में था। लेकिन मंच पर बैठे शशि थरूर की मौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। पीएम मोदी ने अवसर का पूरा फायदा उठाते हुए कहा, “मैं मुख्यमंत्री पिनारई विजयन से कहना चाहता हूं कि आप INDIA ब्लॉक के मजबूत स्तंभ हैं। लेकिन यहां शशि थरूर भी बैठे हैं। आज का यह कार्यक्रम कई लोगों की नींद उड़ा देगा।” उनकी यह टिप्पणी मंच पर मौजूद सभी लोगों के लिए एक सूक्ष्म कटाक्ष थी, जिसने दर्शकों में हंसी और तालियों का दौर छेड़ दिया। मोदी ने आगे बढ़ते हुए अपने अंदाज में जोड़ा, “शशि थरूर को यहां देखकर, मुझे यकीन है कि खबर जहां पहुंचनी थी, वहां पहुंच भी गई होगी।” यह इशारा विपक्ष के उन नेताओं की ओर था, जिन्हें शायद इस मंच पर थरूर और अडानी की एक साथ मौजूदगी असहज कर सकती थी। मंच पर मौजूद थरूर, जो तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं, ने इस टिप्पणी पर मुस्कुराते हुए प्रतिक्रिया दी।
वेणुगोपाल बोले- इनका सोना होगा मुश्किल
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल कहते हैं, “मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री ऐसा क्यों कह रहे हैं… प्रधानमंत्री ही वह व्यक्ति होंगे जिनकी रातों की नींद उड़ जाएगी, न कि INDIA गठबंधन, राहुल गांधी या कांग्रेस। हम जाति जनगणना के मुद्दे पर उन पर अधिकतम दबाव बनाने जा रहे हैं। उन्होंने इसे महिला आरक्षण विधेयक की तरह घोषित किया है… हम तो चैन की नींद सो लेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री के लिए सोना मुश्किल होने वाला है।”
शशि थरूर ने किया पोस्ट
इससे पहले, पीएम मोदी के केरल पहुंचने पर शशि थरूर ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया था। थरूर ने अपने ट्वीट में लिखा, “दिल्ली में फ्लाइट की देरी के बावजूद, मैं समय पर तिरुवनंतपुरम पहुंचा ताकि अपने निर्वाचन क्षेत्र में पीएम का स्वागत कर सकूं।” यह छोटा-सा क्षण भी इस बात का प्रतीक था कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, लोकतांत्रिक मर्यादाएं और औपचारिकताएं बरकरार हैं। विझिनजम बंदरगाह का उद्घाटन केरल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। यह बंदरगाह न केवल भारत के समुद्री व्यापार को गति देगा, बल्कि वैश्विक शिपिंग मानचित्र पर केरल को एक प्रमुख स्थान भी दिलाएगा। अडानी समूह द्वारा विकसित इस परियोजना को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “यह बंदरगाह भारत के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
इस आयोजन ने न केवल बंदरगाह की महत्ता को रेखांकित किया, बल्कि भारतीय राजनीति के रंग-बिरंगे पहलुओं को भी उजागर किया। एक तरफ विकास की गूंज थी, तो दूसरी तरफ राजनीतिक तंज और हल्के-फुल्के कटाक्ष ने माहौल में रोमांच भर दिया। यह दिन निश्चित रूप से केरल के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा, और शायद कुछ लोगों की नींद भी उड़ा देगा, जैसा कि पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा।