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अयोध्या के बाद अब सीतामढ़ी: संघ का ध्यान सीता की जन्मभूमि पर, महिलाओं तक पहुंचने की राजनीतिक तैयारी?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सीता महोत्सव के जरिए नारी शक्ति के सम्मान और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में कदम बढ़ाया है। पढ़िए नवनीत मिश्र की खास रिपोर्ट…

पटनाMay 04, 2025 / 07:44 am

Shaitan Prajapat

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब सीता महोत्सव के जरिए देश और दुनिया को नारी शक्ति का संदेश देगा। संघ ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद संघ ने माता सीता की जन्मस्थली को संवारने की मुहिम तेज की है। बिहार के सीतामढ़ी स्थित माता सीता की प्राकट्य स्थली पुनौरा धाम में 9 से 11 मई तक सीता महोत्सव आयोजन की बड़ी तैयारी है। इस दौरान मैथिल महोत्सव भी होगा। सीता नवमी के उपलक्ष्य में यह बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है।

सीता महोत्सव से संघ का नया संदेश

सूत्रों के मुताबिक इस महोत्सव के जरिए आगामी दिनों में प्रस्तावित माता सीता के मंदिर निर्माण के एजेंडे को न केवल धार मिलेगी, बल्कि इसे विश्वस्तरीय धार्मिक नगरी बनाने में भी सहायता मिलेगी। साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं में समर्थन बढ़ाने के प्रयासों को भी आगे बढ़ाया जा सकेगा।

नारियों के लिए सीता को आदर्श बनाने का प्रोजेक्ट

संघ के विचारकों का कहना है कि भगवान राम की पूर्णता सीता में है। इतिहास, पुराण, काव्य से लेकर स्त्रियों के ग्राम्य गीतों तक में सीता की समान प्रतिष्ठा हुई है। मां सीता, करुणा, मातृत्व और सहनशक्ति की प्रतीक हैं। विवेकानंद कह चुके हैं कि जब तक एक भी हिंदू है, चाहे कोई भाषा का हो, तब तक सीता की कथा जीवित रहेगी। इसलिए अब महोत्सव और मंदिर निर्माण से सीता के आदर्श को फिर से जन जन में स्थापित करने की तैयारी है।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जगत जननी सीता माता की प्राकट्य स्थली सीतामढ़ी के पुनौरा धाम के विकास के लिए लगातार कार्य कराए जा रहे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि हम अयोध्या में राम मंदिर के बादबिहार में भव्य सीता मंदिर बनाने का समय आ गया है। यह मंदिर सीता जी के अपनाए गए आदर्शों का संदेश देगा।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि मेरा विश्वास है कि मौजूदा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ही यह संभव है कि मिथिला में माता सीता का भव्य मंदिर बने, जैसा अयोध्या में प्रभु श्रीराम का बना है।

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