क्या बोले चिराग पासवान
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा था कि बिहार मुझे पुकार रहा है। इसके अलावा चिराग पासवान पहले भी कह चुके हैं कि वे बिहार के लिए काम करना चाहते है। वहीं उनकी पार्टी भी चाहती है कि चिराग पासवान को बिहार में नेतृत्व करने का मौका मिले। इसको लेकर राजधानी पटना में चिराग पासवान के समर्थन में पोस्टर भी लगाए गए थे।
नीतीश और चिराग को साइडलाइन कर सकती है बीजेपी
बता दें कि बिहार में 243 विधानसभा सीटें है। किसी भी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की आवश्यकता होगी। बिहार में एनडीए में पांच पार्टी है- बीजेपी, जदयू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा। दरअसल, अभी तक एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। यदि एनडीए में सबसे ज्यादा सीट बीजेपी जीत लेती है तो वह अपनी सीएम प्रत्याशी बना सकती है, ऐसे में नीतीश कुमार और चिराग पासवान को साइड कर सकती है। हालांकि अभी नीतीश कुमार और चिराग पासवान का मुख्य उद्देश्य विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें लेना है। वहीं बीजेपी चाहेगी कि दोनों पार्टियों को कम से कम सीट दी जाए और अपनी पार्टी के ज्यादा से ज्यादा प्रत्याशी उतारे जाए। ये चार नेता बन सकते है नीतीश-चिराग की राह का रोड़ा
नीतीश कुमार और चिराग पासवान दोनों बिहार का सीएम बनना चाह रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ बीजेपी भी चाहेगी कि वह अपना सीएम बनाएं। ऐसे में नीतीश और चिराग की राह में बीजेपी के ये चार नेता बाधा बन सकते है। आइए जानते हैं…
1- सम्राट चौधरी
पद : बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य। प्रभाव: सम्राट चौधरी को उनकी आक्रामक राजनीति और संगठन को मजबूत करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। कुशवाहा समुदाय से आने वाले चौधरी ने बीजेपी को गैर-यादव ओबीसी वोटों को एकजुट करने में मदद की है। उनकी युवा ऊर्जा और नीतीश कुमार के खिलाफ मुखर रुख ने उन्हें बीजेपी के उभरते नेताओं में शामिल किया है।
2- नित्यानंद राय
पद: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और उजियारपुर से सांसद। प्रभाव: नित्यानंद राय बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। बिहार में बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके राय की संगठनात्मक क्षमता और यादव समुदाय के बीच प्रभाव उन्हें एक मजबूत नेता बनाता है। उनकी लोकप्रियता और केंद्र में उनकी भूमिका बिहार में बीजेपी की स्थिति को और मजबूत करती है।
3- गिरिराज सिंह
पद: केंद्रीय कपड़ा मंत्री और बेगूसराय से सांसद। प्रभाव: गिरिराज सिंह अपनी बेबाक और आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं, जिसके कारण वे बिहार में बीजेपी के एक मजबूत चेहरे के रूप में उभरे हैं। – बेगूसराय से उनकी लगातार जीत (2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में) उनकी स्थानीय लोकप्रियता और जनाधार को दर्शाती है। -वे हिंदुत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर मुखर रहते हैं, जिससे बीजेपी के कोर वोटर बेस में उनकी पकड़ मजबूत है।
-सामाजिक समीकरणों में, वे भूमिहार समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और ग्रामीण व शहरी मतदाताओं के बीच समन्वय स्थापित करने में सक्षम हैं। -केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी भूमिका और बिहार में संगठनात्मक सक्रियता ने उन्हें बीजेपी के शीर्ष नेताओं में शामिल किया है।
4- विजय कुमार सिन्हा
पद: बिहार के डिप्टी सीएम
प्रभाव: विजय सिन्हा बिहार विधानसभा में अपनी तर्कपूर्ण और प्रभावी वक्तृता के लिए जाने जाते हैं। लखीसराय से विधायक के रूप में उनकी मजबूत स्थानीय पकड़ और सामाजिक समीकरणों को साधने की क्षमता उन्हें एक दमदार नेता बनाती है। हाल के उपचुनाव परिणामों के बाद बीजेपी की स्थिति मजबूत होने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है।