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आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने लिखा कि यह कार्यक्रम हमारी सरकार का गरीबी कम करने, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और हाशिए पर रहे नागरिकों की सामाजिक और आर्थिक क्षमता में निवेश करने की दिशा में एक सीधा और प्रभावी कदम होगा। हम बिहार की हर माता-बहन के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।
महिलाओं को साधने की महागठबंधन की रणनीति
बिहार में महिला मतदाताओं की संख्या करीब 3.6 करोड़ है, जो कुल मतदाताओं का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ऐसे में महागठबंधन ने इस वर्ग को साधने के लिए यह योजना सामने रखी है। पिछले कुछ वर्षों में बिहार की महिलाओं की भागीदारी पंचायत और जीविका समूहों में बढ़ी है, जिससे राजनीतिक दलों को महिलाओं के वोट बैंक की अहमियत का अंदाजा है।
बिहार में महिलाओं के लिए वर्तमान योजनाएं
फिलहाल बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने हाल ही में सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाई है। विधवाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को हर महीने 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही, जीविका योजना के तहत स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को 50 हजार से 2 लाख रुपये तक का व्यक्तिगत लोन दिया जा रहा है। बिहार में 1.35 करोड़ महिलाएं जीविका समूहों से जुड़कर सिलाई, दुकानदारी, पशुपालन, कृषि आधारित उद्यम, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य रोजगार में सक्रिय हैं। तेजस्वी यादव की ‘माई-बहिन मान योजना’ इन योजनाओं से अलग सीधे आर्थिक मदद के रूप में महिलाओं को पैसा देने का वादा करती है, जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
महिलाओं के वोट पर फोकस
बिहार में कुल 7.64 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 4 करोड़ पुरुष और 3.6 करोड़ महिला मतदाता हैं। ऐसे में महिलाओं को साधना चुनावी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बिहार में पिछले चुनाव में भी महिला मतदाताओं की भागीदारी में बढ़ोतरी हुई थी, जिससे महागठबंधन को उम्मीद है कि यह योजना महिलाओं को आकर्षित करेगी।
रोजगार और आत्मनिर्भरता को मिलेगा बढ़ावा
तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को काम देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से महिलाएं अपने और अपने परिवार के लिए छोटे व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगी।
बिहार में चुनावी प्रतिस्पर्धा होगी दिलचस्प
तेजस्वी यादव के इस ऐलान के बाद बिहार का चुनावी माहौल और दिलचस्प हो गया है। नीतीश कुमार की सरकार जहां सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और महिला सशक्तिकरण की योजनाओं के सहारे चुनावी मैदान में उतरेगी, वहीं महागठबंधन ‘माई-बहिन मान योजना’ के जरिए महिलाओं के वोट को आकर्षित करने की कोशिश करेगा।