घटना के अनुसार, पीड़ित मरीज अतीकुर बताया जा रहा है। मरीज को बायोप्सी टेस्ट के लिए सिलचर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। मरीज का कहना है कि उसे टेस्ट की प्रक्रिया और इसके परिणामों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई। बायोप्सी के दौरान डॉक्टर ने बिना अनुमति के उसका प्राइवेट पार्ट पूरी तरह काट दिया।
मरीज को इसकी जानकारी तब हुई जब ड्रेसिंग हटाने के बाद उसे स्थिति का पता चला। सदमे और गुस्से में उसने अस्पताल प्रशासन से डॉक्टर से मिलने की मांग की, लेकिन उसे डॉक्टर से मिलने से रोक दिया गया।
मरीज ने सिलचर के गुंगुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की और न्याय की गुहार लगाई। मरीज का कहना है कि इस घटना ने न केवल उसके शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी उसे तोड़ दिया। यह मामला चिकित्सा पेशे में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को दर्शाता है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।