ओबीसी वर्ग के गौड़ समुदाय से आते हैं सत्यनारायण
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सत्यनारायण एक ‘वफादार पार्टी कार्यकर्ता’ हैं जो आरएसएस से शुरू होकर भाजपा के विभिन्न स्तरों पर काम करते हुए शीर्ष तक पहुंचे हैं। वे ओबीसी वर्ग के गौड़ समुदाय से आते हैं, इसलिए भाजपा को उम्मीद है कि उनके चयन से पिछड़े वर्गों में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सत्यनारायण भाजपा की विचारधारा से गहराई से परिचित हैं और कई बार पार्टी के घोषणा पत्र समितियों का हिस्सा भी रह चुके हैं।
15 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़े
वेंकट सत्यनारायण का राजनीतिक सफर आरएसएस से शुरू हुआ था। उन्होंने 15 वर्ष की आयु में 1976 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव किया। इसके बाद वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के माध्यम से छात्र राजनीति में सक्रिय हुए। 1980 में वे भाजपा से आधिकारिक तौर पर जुड़े और भीमावरम नगर महासचिव, जिला सचिव, काउंसलर और विधानसभा संयोजक जैसे कई पदों पर कार्य किया। हालांकि 1996 में नरसापुर लोकसभा चुनाव और 2006 के एमएलसी चुनावों में उन्हें सफलता नहीं मिली थी, फिर भी पार्टी के प्रति उनकी दीर्घकालिक निष्ठा और सेवा को लगातार सराहा गया। सत्यनारायण की छवि
पार्टी में सत्यनारायण की छवि एक जमीनी कार्यकर्ता की रही है, जिसने संगठनात्मक मजबूती के लिए वर्षों तक काम किया। भाजपा नेताओं का मानना है कि सत्यनारायण राज्यसभा में एक “संतुलित और अनुभवशील आवाज” साबित हो सकते हैं, जो न केवल आंध्र प्रदेश बल्कि पूरे देश में पार्टी के दृष्टिकोण को मजबूती से रखेंगे।