सबसे अधिक मांगलिक कार्यक्रम
अबूझ मुहूर्त होने से इस तिथि पर सबसे अधिक मांगलिक कार्यक्रम होते हैं। संयोग से इस बार यह तिथि दो दिन पड़ रही है। इसलिए बाजारों में जमकर खरीदारी करने वालों की भीड़ बढ़ी है। कपड़ा और बर्तन दुकानों में ज्यादा रौनक है। अगले दो महीने तक लगातार शुभमुहूर्त होने से बाजारों में जमकर खरीदी का माहौल रहेगा।
सर्वार्थ सिद्ध योग दिनभर
पंडितों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर इस बार सर्वार्थ सिद्ध योग दिनभर है और रवियोग भी है। इसलिए इस दिन जातकर्म, नामकरण, अन्नप्राशन, उपनयन संस्कार, विवाह मुहूर्त व वधु प्रवेश, गृहप्रवेश जैसे कार्यक्रम सबसे अधिक होंगे। वहीं, इसी तिथि पर ब्राह्मण समाज के ईष्ट देवता भगवान परशुराम का जयंती समारोह धूमधाम से मनेगा। बाजे-गाजे से शोभायात्रा निकालकर विप्र समाज उत्सव मनाएगा।
ब्राह्मण समाज दो दिन मनाएगा उल्लास
शंकराचार्य आश्रम के स्वामी इंदुभवानंद तीर्थ के अनुसार, 29 अप्रैल मंगलवार को द्वितीया तिथि 8.36 बजे समाप्त होकर तृतीया तिथि प्रारंभ होगी, जो कि बुधवार को सुबह 5.58 बजे तक है। चूंकि भगवान परशुराम का जन्म माता रेणुका के गर्भ से तृतीया तिथि पर प्रथम पहर की रात में हुआ था। इसलिए भगवान का प्राकट्य उत्सव मंगलवार को मनाना श्रेष्ठ है। वहीं, महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला उदयातिथि को मान्यता देते हुए अक्षय तृतीया 30 अप्रैल बुधवार को है। उन्होंने बताया कि दोनों दिन 29 और 30 अप्रैल को श्रेष्ठ मुहूर्त है।
अब लगातार हर दूसरे दिन शुभ मुहूर्त
शादी-विवाह का सीजन पीक पर है। पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार, खरमास की वजह से शुभ मुहूर्त 14 अप्रैल से प्रारंभ हुआ। इसके साथ ही मांगलिक कार्यक्रम लगातार हो रहे हैं। अब हर दूसरे दिन मुहूर्त हैं। इस समय गांवों में सबसे अधिक शादी, उपनयन संस्कार, मुंडन संस्कार हो रहे हैं।