संसदीय परंपराओं का उल्लंघन करने का लगाया आरोप
बीजेपी सांसदों ने आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां “सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने” के लिए की गई थीं। बीजेपी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में कहा कि ऐसी टिप्पणियां न केवल कार्यालय की गरिमा को कम करती हैं, बल्कि संसदीय परंपराओं की पवित्रता का भी उल्लंघन करती हैं।
सांसदों ने कार्रवाई की अपील
सांसदों ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी का यह बयान उनकी अभिजात्यवादी और आदिवासी विरोधी मानसिकता का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें अभी भी आदिवासी गरीबों के संघर्ष और संवेदनशीलता को समझना बाकी है। सांसदों ने सभापति से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की अपील की है। सांसदों ने पत्र में कहा कि आप इस मामले का संज्ञान लें और सोनिया गांधी के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।
क्या कहा था सोनिया गांधी ने
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को बजट सत्र के दौरान संसद के संयुक्त संत्र को संबोधित किया था। इसके बाद सदन के बाहर पत्रकारों ने सोनिया गांधी से राष्ट्रपति के भाषण के बारे में प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बहुत थक गई थीं, वह ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी ‘बेचारी’।
बीजेपी ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने हमला बोला। बीजेपी ने सोनिया गांधी के इस बयान की कड़ी निंदा की। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस टिप्पणी को अपमानजनक बताया और कहा कि ऐसे शब्दों का जानबूझकर इस्तेमाल कांग्रेस की अभिजात्य, गरीब विरोधी प्रकृति को दर्शाता है।