भाजपा का आरोप, आप ने दबाई सीएजी ऑडिट रिपोर्ट
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछले गुरुवार को घोषणा की थी कि नई सरकार के पहले सत्र में रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएंगी। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आप सरकार ने जानबूझकर इन ऑडिट को रोक दिया है ताकि वित्तीय कुप्रबंधन और शासन की विफलताओं को उजागर होने से छिपाया जा सके। पेश की गई रिपोर्ट में वित्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना, वाहन प्रदूषण नियंत्रण और दिल्ली परिवहन निगम के संचालन से संबंधित ऑडिट शामिल हैं।‘शीश महल’ का जीर्णोद्धार
सबसे विवादास्पद खुलासों में से एक मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के जीर्णोद्धार से संबंधित है, जिसे बीजेपी ने शीश महल नाम दिया है। कैग ऑडिट ने कथित तौर पर परियोजना की योजना, निविदा और निष्पादन में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को उजागर किया है। 2020 में शुरू में 7.61 करोड़ रुपये मंजूर किए गए, अप्रैल 2022 तक लागत बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई। 342 प्रतिशत की चौंका देने वाली वृद्धि को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने केजरीवाल की आलोचना की है। उन पर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।प्रदूषण नियंत्रण
सीएजी ऑडिट रिपोर्ट में दिल्ली में वाहन प्रदूषण नियंत्रण में समस्याओं को उजागर किया गया है। रिपोर्ट दिल्ली में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम और शमन पर केंद्रित है। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, ऑडिट में शहर की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) में विसंगतियां और पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निर्धारित धन के गलत आवंटन पर गंभीर चिंता जताई गई है।Delhi Assembly Session: विधानसभा पेश की गई CAG रिपोर्ट, AAP ने किया जोरदार हंगामा, 12 विपक्षी विधायक सस्पेंड
मोहल्ला क्लीनिक
आप सरकार की प्रमुख मोहल्ला क्लीनिक पहल भी जांच के दायरे में है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2016 से 2023 के बीच स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने इन क्लीनिकों के निर्माण के लिए अपने आवंटित बजट का केवल 28 प्रतिशत ही खर्च किया। आप सरकार ने 2017 तक 1,000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने का लक्ष्य रखा था, लेकिन मार्च 2023 तक केवल 523 ही चालू थे। इनमें से कई क्लीनिकों को कर्मचारियों के इस्तीफे और अपर्याप्त चिकित्सा उपकरणों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। ऑडिट में यह भी पाया गया कि पांच वर्षों में केवल 2 प्रतिशत क्लीनिकों का निरीक्षण किया गया।नई आबकारी नीति
आप सरकार को शराब नीति में खामियों के कारण 2,026 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। शराब नीति बनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह ली गई थी, लेकिन उनकी सिफारिशों को नहीं मानी गई। आप सरकार ने उन कंपनियों को लाइसें दिया, जिनके खिलाफ शिकायतें थीं या घाटे में चल रही थीं। कोविड के नाम पर 144 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस की गई थी। कई बड़े फैसलों पर कैबिनेट और उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं ली गई।प्रस्तुत की जाने वाली CAG रिपोर्टों की पूरी सूची
1- मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखापरीक्षा रिपोर्ट।2- 31 मार्च, 2020 और 2021 को समाप्त होने वाले वर्षों के लिए राजस्व, आर्थिक, सामाजिक और सामान्य क्षेत्र और सार्वजनिक उपक्रमों की लेखापरीक्षा रिपोर्ट।
3- दिल्ली में वाहन वायु प्रदूषण की रोकथाम और शमन का निष्पादन लेखापरीक्षा (2021)।
4- देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों का निष्पादन लेखापरीक्षा (2021)।
5- मार्च 2022 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखापरीक्षा रिपोर्ट।
6- दिल्ली में शराब आपूर्ति पर निष्पादन लेखापरीक्षा।
7- मार्च 2023 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखापरीक्षा रिपोर्ट।
8- सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर निष्पादन लेखापरीक्षा।
9- दिल्ली परिवहन निगम के कामकाज पर निष्पादन लेखापरीक्षा रिपोर्ट।
10- 31 मार्च, 2022 को समाप्त वर्ष के लिए सीएजी की निष्पादन लेखापरीक्षा रिपोर्ट।
11- 2021-22 के वित्त खाते।
12- 2021-22 के विनियोग खाते।
13- 2022-23 के वित्त खाते।
14- 2022-23 का विनियोग लेखा।