scriptसीजफायर हुआ लेकिन डल झील में तैरते शिकारे, गुलमर्ग की बर्फीली वादियां अभी भी खामोश | Ceasefire happened but Shikaras are floating in Dal Lake, snowy valleys of Gulmarg are still silent | Patrika News
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सीजफायर हुआ लेकिन डल झील में तैरते शिकारे, गुलमर्ग की बर्फीली वादियां अभी भी खामोश

पहलगाम में हुए आतंकी हमला ने सिर्फ गोलियों की गूंज नहीं लाया, बल्कि करोड़ों की कश्मीरी टूरिज्म इकोनॉमी को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया।

भारतMay 17, 2025 / 08:36 pm

Ashib Khan

फोटो सोर्स- सोशल मीडिया

सीमा पर सीजफायर हो गया। तोपों और गोलियों की आवाजें अब नहीं आ रही है लेकिन डल झील में तैरते शिकारे, गुलमर्ग की बर्फीली वादियां, पहलगाम की हरियाली और श्रीनगर की हलचल खामोश है। पहलगाम में हुए आतंकी हमला ने सिर्फ गोलियों की गूंज नहीं लाया, बल्कि करोड़ों की कश्मीरी टूरिज्म इकोनॉमी को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया। इस टूरिस्ट सीजन के पीक टाइम में घाटी खामोश है लेकिन इस खामोशी और आतंकवाद के दौर में होने वाली खामोशी में फर्क है। यहां के युवा अब हथियार नहीं, रोजगार चाहते हैं। वे अपने कल को उज्ज्वल देखना चाहते हैं, न कि हाथों में पत्थर और धुएं में गुम जिंदगी को।

दुकानें खुलीं पर चहल-पहल नहीं

कुपवाड़ा में एलओसी के पास केरन सेक्टर के रहने वाले जहूर लोन की लाल चौक पर दुकान है। वे कहते हैं कि पहलगाम हमले से बड़ा नुकसान हुआ है। यह सीजन ऐसे ही चला जाएगा। दिसंबर से हालात बेहतर होने की उम्मीद है। अमरनाथ यात्रा में लोगों के आने की उम्मीद है। सीजफायर के बाद दुकानें खुली हैं लेकिन खरीदारों की चहल-पहल नहीं है।

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