सबकी नजरें पूर्वांचलियों के वोट पर
दिल्ली में करीब 20 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं की संख्या पूर्वांचलियों की मानी जाती है। इनका प्रभाव करीब 14 से 16 सीटों पर बताया जाता है। यही वजह है कि सभी दलों की नजर इनके वोटों पर टिकी रहती है। पूर्वांचलियों को लुभाने के लिए जहां कई तरह के वादे किए जाते हैं, वहीं इनके इलाकों से आने वाले नेताओं की सभाएं, जनसंपर्क कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। इसी तरह दिल्ली के पडोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से आकर दिल्ली में बसे लोगों की संख्या काफी बड़ी है। दिल्ली में पंजाबी समाज का दबदबा सभी को पता है। इन मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए दोनों ही दलों ने इनके मूल क्षेत्रों के नेताओं को बुलाना शुरू कर दिया है बाहरी नेताओं की भरमार
बीजेपी की ओर से
दिल्ली चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य, सांसद मनोज तिवारी, रवि किशन, दिनेश लाल यादव निरहुआ, बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, हरियाणा के सीएम नायब सिंह, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर जैसे नेताओं को बुलाया जा रहा है। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट, रणदीप सिंह सुरजेवाला, सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, कन्हैया कुमार, सलमान खुर्शीद, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं के नाम शुमार है।
दिल्ली में 5 फरवरी को होगा मतदान
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा। विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे। कालकाजी को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा ने किया दावा, देखें वीडियो…