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Exclusive: जब नहीं तपता नौतपा…तब मानसून पर क्या पड़ता है असर, जानिए एक्सपर्ट की राय

मानसून में बारिश के कई कारण होते हैं। नौतपा उसका एक रिफ्लेक्शन रहा है। जब नौपता नहीं पता है तो मानसून पर क्या असर पड़ता है। आइए जानते है एक्सपर्ट की क्या राय है।

भारतJun 04, 2025 / 12:07 pm

Shaitan Prajapat

क्या नौतपा अच्छे मानसून के लिए जरूरी है? (प्रतीकात्मक फोटो)

—डॉ. पी के सिंह, कृषि आयुक्त, भारत सरकार
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नौतपा का अच्छा होना जरूरी नहीं कि मानसून भी अच्छा होगा। यह केवल एक परंपरागत कहावत है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। मानसून पर कई वैश्विक और स्थानीय कारक असर डालते हैं, जिसमें पश्चिमी विक्षोभ जैसे सिस्टम अहम भूमिका निभाते हैं। पहले नौतपा के दौरान गर्मी से कीट नष्ट होने की धारणा थी, लेकिन अब कीटनाशकों और बदलती खेती पद्धतियों के चलते इसका प्रभाव कम हो गया है। इस बार नौतपा ठंडा रहा, लेकिन बारिश कई क्षेत्रों में सामान्य से अधिक हुई। इसलिए नौतपा में गर्मी न पड़ने से मानसून पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।

1) क्या नौतपा अच्छे मानसून के लिए जरूरी है?

—मानसून में बारिश के कई कारण होते हैं। नौतपा उसका एक रिफ्लेक्शन रहा है। नौतपा अच्छा होगा तो बारिश अच्छी होगी, इसका अभी तक कोई साइंटफिक वेरीफिकेशन तो नहीं हो पाया है। बहुत से और जो फीचर हैं जो मानसून को प्रभावित करते हैैं, उनमें नौतपा भी एक नॉन साइंटफिक कहावत है। ऐसा कुछ नहीं है कि नौतपा नहीं हुआ तो बारीश नहीं होगी।
—मानसून अभी तेजी से बढ़ रहा था, महाराष्ट्र तक तो आ गया है, फिर उसके बाद स्टॉप लगा है। प्री मानसून बारिश इस एरिया में अच्छी हो रही है। जो सिस्टम बना हुआ है उसे पश्चिमी विक्षोब कहते हैं। वो अच्छी खासी नमी खींच रहा है।
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2) नौतपा के दौरान खेतों में कीट नष्ट होते होते हैं?

—यह कहावत उस जमाने की है जब आर्गेनिक खेती होती थी। आज के जमाने में कीटनाशक के लिए तमाम तरह की दवाइयां हैं। यहां तक कि अब राजस्थान- मध्यप्रदेश के किसान गेहूं का भूसा भी जला देते हैं। जब आर्गेनिक खेती ही नहीं तो फिर उसमें कीड़ा कहां से रहेगा। उसमें नौतपा क्या करेगा यह सोचने की बात है। पहले गर्मी में जब खेत खाली रहते थे तो समर क्राफ्ट नहीं था। पर अब नौतपा का मतलब नहीं रह गया है।
—इस बार नौतपा का पीरियड था 23 मई से 5 जून तक का। लेकिन नौतपा उस टाइप का तो नहीं हुआ है, जाहिर बात है। क्लाइमेट चेंज कारण तो है ही। नार्थ ईस्ट में पानी की इंटेंसिटी आप देखिए। बहुत ज्यादा बारिश हो रही है, यहां तक कि गुजरात में ठीक-ठाक बारिश हो रही है। महाराष्ट्र मे तो बहुत अच्छी बारिश हो गई। इतना दिन पहले मानसून आ गया था और फिर से मानसून चल रहा है।
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3) नौतपा में गर्मी नहीं पड़ने का मानसून पर असर होगा?

—कोई फर्क नहीं होना होगा। बल्कि इस बार बुआई का एरिया बढ़ना चाहिए। बाजारा में तो पानी की ज्यादा जरूरत भी नहीं होती, अगर नमी है, किसान के पास बीज है तो वह खेत बुआई करे। खेती में असर तब पड़ता है जब मानसून आने के बाद बीच में गैप कर जाए। अगर ऐसा गैप होता है तो तब उत्पादन पर फर्क पड़ता है।

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