पिता हैं शिक्षक
यशस्वी सोलंकी मूल रूप से गुजरात के भरूच की रहने वाली हैं। उनके पिता एक शिक्षक हैं, जिन्होंने यशस्वी को शिक्षा और अनुशासन का महत्व सिखाया। बचपन से ही यशस्वी खेलों में रुचि रखती थीं और उन्होंने जिला स्तर पर बैडमिंटन और वॉलीबॉल में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उनकी शारीरिक क्षमता और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें नौसेना में एक मजबूत आधार प्रदान किया।
2012 में लॉजिस्टिक्स ब्रांच में किया प्रवेश
बता दें कि यशस्वी ने 2012 में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय नौसेना की लॉजिस्टिक्स ब्रांच में प्रवेश किया। अपनी कड़ी मेहनत, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता के बल पर उन्होंने नौसेना में अपनी एक खास पहचान बनाई।
9 मई को नियुक्ति पत्र हुआ प्राप्त
राष्ट्रपति भवन में 9 मई को यशस्वी सोलंकी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ। इस ऐतिहासिक नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया बेहद कठिन थी। शारीरिक फिटनेस, बुद्धिमत्ता और परिस्थितियों के अनुकूल ढलने की क्षमता जैसे मानदंडों पर उन्हें परखा गया। उनकी ऊंचाई 173 सेमी थी, जो इस पद के लिए निर्धारित शारीरिक मानकों को पूरा करती थी। इसके अलावा, उनके खेल के अनुभव ने उनकी शारीरिक और मानसिक मजबूती को और बढ़ाया। विशेष रूप से, गैर-स्थायी कमीशन वाली महिला अधिकारियों को भी इस पद के लिए अवसर देने का निर्णय लिया गया, जो लैंगिक समानता की दिशा में एक प्रगतिशील कदम था। राष्ट्रपति के पास होते हैं 5 ADC
राष्ट्रपति के ADC के रूप में यशस्वी की जिम्मेदारियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वे राष्ट्रपति के साथ सभी आधिकारिक और कूटनीतिक कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगी, साथ ही सरकार और सशस्त्र बलों के बीच संचार और समन्वय का एक महत्वपूर्ण सेतु बनेंगी। राष्ट्रपति के पास सामान्यतः पांच ADC होते हैं, जिनमें तीन सेना, एक नौसेना और एक वायुसेना से होते हैं।