शरबत जिहाद से शुरू हुआ विवाद
यह मामला तब शुरू हुआ जब बाबा रामदेव ने एक वीडियो में रूहअफजा शरबत को लेकर ‘शरबत जिहाद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसे कोर्ट ने आपत्तिजनक और समाज में वैमनस्य फैलाने वाला करार दिया। जज ने कहा, “हमें अपनी आंखों और कानों पर विश्वास नहीं हुआ जब हमने यह वीडियो देखा।” कोर्ट ने बाबा रामदेव को आदेश दिया कि वह पांच दिन के भीतर इस वीडियो को हटाएं।
वीडियो हटाने के मिले आदेश
रामदेव के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वीडियो को हटा दिया जाएगा। इस मामले में कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के बयान न केवल सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि अनुचित व्यापारिक प्रथाओं को भी बढ़ावा दे सकते हैं। इससे पहले भी बाबा रामदेव अपने विवादास्पद बयानों के चलते सुर्खियों में रह चुके हैं।