वहीं ओकला इंटरनेट स्पीड डाटासेट बताता है कि अप्रैल-जून 2025 की अवधि में भारत की मीडियन डाउनलोड स्पीड 136.53 एमबीपीएस थी। सितंबर 2022 में 119वें स्थान से भारत की रैंकिंग में यह सुधार 93 अंकों का है। इस समय भारत की औसत इंटरनेट स्पीड 13.87 एमबीपीएस थी। रिपोर्ट के अनुसार भारत तेजी से अन्य प्रमुख वैश्विक बाजारों के साथ इंटरनेट स्पीड में फासले को तेजी से कम कर रहा है। जिसका मुख्य कारण देश में 5जी कवरेज का तेजी से विस्तार है।
इंटरनेट स्पीड में अमेरिका से आगे चीन
दुनिया के बड़े देशों से तुलना करें तो 176.75 एमबीपीएस स्पीड के साथ अमरीका का ग्लोबल रैंकिंग 13वीं और चीन की रैंकिंग 207.98 एमबीपीएस के साथ 8वीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 5 जी नेटवर्क का विस्तार दुनिया में सबसे तेज इंटरनेट स्पीड विस्तार में से एक है।
भारत में 5जी टावरों की हिस्सेदारी 57 फीसदी हुई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 5जी टावरों का हिस्सा कुल दूरसंचार टावरों का 57% हो चुका है। मार्च 2025 तक भारत का 5जी सब्सक्राइबर बेस 32.6 लाख तक पहुंच गया, जो कुल वायरलेस कनेक्शनों का 28% है।
ऐप्स का उपयोग करने में भारतीय सबसे आगे
कंसल्टेंसी कंपनी, ईवाय के अनसुार, 2024 में भारतीयों ने फोन ऐप्स पर प्रतिदिन 4.9 घंटे बिताए। जो 2023 से 3.1% अधिक है। कुल मिलाकर, भारत ने डिजिटल प्लेटफार्मों पर 1.1 लाख करोड़ घंटे से अधिक समय बिताया, जो विश्व में सबसे अधिक है।
इंटरनेट स्पीड में सिंगापुर और यूएई सबसे आगे
तेज इंटरनेट स्पीड देने के मामले में दुनिया को छोट देश सबसे आगे बने हुए हैं। मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में यूएई दुनिया की सबसे तेज 539 एमबीपीएस इंटरनेट स्पीड देने वाला देश है, जबकि फिक्सड इंटरनेट स्पीड के मामले में सिंगापुर 372 एमबीपीएस स्पीड के साथ दुनिया में सबसे आगे बना हुआ है।