सोशल मीडिया पर लिखने की होगी छूट
जस्टिस सूर्यकांत और जॉमाल्या बागची की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि प्रोफेसर अली खान को अब सोशल मीडिया पर लिखने या अन्य आर्टिकल पब्लिश करने की छूट रहेगी। साथ ही शर्त लगाई कि प्रोफेसर अली खान कोर्ट में जो मामला विचाराधीन है उस पर कुछ भी नहीं कहें। इस दौरान पीठ ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि आपको प्रोफेसर की जरूरत नहीं है, आपको डिक्शनरी की जरूरत है।
मई में किया था गिरफ्तार
बता दें कि अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को मई में ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सरकार द्वारा चुने जाने पर एक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि कुछ दिनों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें शर्तों के साथ जमानत दे दी थी।
कोर्ट में क्या बोले कपिल सिब्बल
सुप्रीम कोर्ट में प्रोफेसर अली खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि SIT ने प्रोफेसर खान से पिछली 10 साल में उनकी यात्राओं के बारे में भी पूछताछ की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकील से कहा कि जांच सही दिशा में होनी चाहिए।
2 FIR तक ही सीमित जांच का दायरा
अदालत ने कहा कि जांच का दायरा प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज दो FIR तक ही सीमित है। कोर्ट ने कहा कि हम SIT से सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि उन्होंने किस उद्देश्य से डिवाइस सीज किए हैं। हम अधिकारियों को बुलाएंगे।