पानी के लिए लोगों को करना पड़ रहा संघर्ष
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों सर्दी और तेज होने वाली है। 24 दिसंबर तक ठंडा और शुष्क मौसम रहने वाला है। इस दौरान ठंड और बढ़ेगी। श्रीनगर शहर और अन्य जगहों पर लोग सुबह-सुबह नलों से पानी निकालने के लिए संघर्ष करते देखे गए। लोगों को ताजा सब्जियां नहीं मिल पा रही है। ऐसे में स्थानीय लोग शरद ऋतु के महीनों में सुखाकर संग्रहीत किए बैंगन, टमाटर और कद्दू जैसी सूखी सब्जियों का उपयोग करने लगे हैं।
जमने वाली है झीलें
हालांकि डल झील, वुलर झील, मानसबल झील और निगीन झील जैसे जल निकाय अभी तक जमे नहीं हैं, लेकिन पानी की सतह पर छाई अत्यधिक ठंड के कारण सुबह के समय इन झीलों में नौका विहार की गतिविधियां नहीं हो पा रही हैं। सुबह की सैर करने वालों ने भी अत्यधिक ठंड के कारण अपने कार्यक्रम में बदलाव किया है।
21 दिसंबर से शुरू होगी ‘चिल्लई कलां’
घाटी में ‘चिल्लई कलां’ नामक 40 दिनों की तीव्र सर्दी की अवधि 21 दिसंबर से शुरू होने जा रही है जो 30 जनवरी को खत्म होगी। बिजली की खपत और अन्य उत्पादकों से आयात के बीच भारी अंतर के कारण बिजली की आपूर्ति लगातार जारी है। ऐसे में स्थानीय लोगों के लिए ‘कांगड़ी’ नामक विलो विकर टोकरी में बुने हुए अंगारे से भरे अग्निपात्र को ‘फेरन’ नामक ढीले ट्वीड ओवर गारमेंट के नीचे रखते है ताकि ठंड से बचा हो सके।