इनका नाम है शामिल
शेख एजे अल सबाह (योग की शेख): कुवैत में पहला अधिकृत योग स्टूडियो व योग क्लब चलाने वाली सबाह ने योग शिक्षा लॉन्च की। योग का प्रसार करने के अलावा कोविड महामारी के दौरान कुवैत के वंचित बच्चों को शैक्षिक सामग्री वितरित की। हरिमन शर्मा (सेब सम्राट): बिलासपुर के सेब किसान हरिमन शर्मा ने कम ठंडक वाली सेब की किस्म विकसित की जो अपनी तरह का पहला नवाचार है। भारत और अन्य देशों में 14 लाख से अधिक पौधे तथा सेब के बाग लगवाए।
जोनास मासेटी (ब्राजील के वेदांत गुरु): ब्राजील के मैकेनिकल इंजीनियर से हिंदू आध्यात्मिक गुरु बने जोनास ने भारतीय अध्यात्म, दर्शन और संस्कृति को बढ़ावा दिया। सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करते हुए, वेदांत ज्ञान पर वैश्विक स्तर पर शिक्षा को सुलभ बनाया।
पी. दचनामूर्ति (तवील थलाइवा): दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति का एक प्रमुख शास्त्रीय ताल वाद्य तवील वादक पी.दचनामूर्ति ने भारत भर में 15,000 से अधिक आयोजनों में प्रस्तुति दी, जिससे तविल संगीत की परंपरा जीवित और प्रासंगिक बनी रही।
नीरजा भटला (सरवाइकल कैंसर योद्धा): दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ नीरजा भटला सरवाइकल कैंसर का पता लगाने, रोकथाम और प्रबंधन पर विशेष ध्यान देती हैं। एम्स से रिटायर होने के बाद भी सर्वाइकल कैंसर की सस्ती स्क्रीनिंग, किफायती एचपीवी परीक्षण और टीकों पर शोध में शामिल रहीं।
हरविंदर सिंह (कैथल का एकलव्य): हरियाणा के कैथल जिले के रहने वाले दिव्यांग तीरंदाज हरविंदर सिंह पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय, ड्रग्स जागरूकता और खेल प्रचार पर प्रेरक वक्ता हैं।
भीम सिंह भावेश (मुसहरों के मसीहा): भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश समाज के सबसे हाशिए पर पड़े समूह मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए पिछले 22 वर्षों से अपनी संस्था ‘नई आशा’ के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आजीविका के लिए काम कर रहे हैं।
जगदीश जोशीला (निमाड़ी के उपन्यासकार): निमाड़ी और खरगोन के 5 दशकों से अधिक पुराने हिंदी लेखक जगदीश ने निमाड़ी गद्य साहित्य की स्थापना की और सर्वप्रथम इसका प्रवर्तन किया। ऐतिहासिक और देशभक्ति-विषयक उपन्यास, कविता और नाटकों के लेखक तथा निमाड़ी को पढ़ाने और संरक्षित करने के लिए समर्पित।
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी पद्म पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सभी पद्म पुरस्कार विजेताओं को बधाई। भारत को उनकी असाधारण उपलब्धियों का सम्मान करने और उनका जश्न मनाने पर गर्व है। उनका समर्पण और दृढ़ता वास्तव में प्रेरणादायक है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता कड़ी मेहनत, जुनून और नवाचार का पर्याय है, जिसने अनगिनत लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। वे हमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मूल्य सिखाते हैं।