BJP MP ने ओम बिरला को लिखा पत्र, लगाया ये आरोप
निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) को पत्र लिखकर कहा, ‘राहुल गांधी ने अपने भाषण में न केवल बेशर्मी से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया बल्कि हमारे देश का उपहास उड़ाने और हमारे गणतंत्र की प्रतिष्ठा को कम करने का भी प्रयास किया।’
‘भारतीय धरती पर चीनी सैनिक के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार’
बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर चौतरफा हमला बोला था। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) पहल के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने में विफल रही है। उन्होंने दावा किया कि भारतीय धरती पर चीनी सैनिकों की मौजूदगी के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है।
‘तुच्छ कृत्य और ऐसी भाषा के इस्तेमाल से बचें राहुल गांधी’
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस टिप्पणी पर हस्तक्षेप करते हुए किरण रिजिजू ने कांग्रेस नेता पर फर्जी बातें फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हम उन्हें याद दिलाना चाहेंगे कि इस तरह के तुच्छ कृत्य और भाषा का बार-बार इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। यह संसदीय मानकों को कमजोर करता है।” मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार किरण रिजजू ने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर राहुल गांधी से सबूत मांगने का अनुरोध किया है। अगर राहुल अपने दावों के लिए सबूत देने में विफल रहते हैं तो भाजपा सांसद उनके खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस लाने पर विचार कर रहे हैं।
भारत ने उत्पादन का काम चीन को सौंप दिया: राहुल
राहुल गांधी ने अपने भाषण में बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया और कहा कि भारत ने उत्पादन का काम चीन को सौंप दिया है। उन्होंने यह किया कि बीजिंग “हमारी 4,000 वर्ग किमी ज़मीन पर बैठा है।” उन्होंने कहा कि सेना ने सरकार के इस दावे का खंडन किया है कि चीन को कोई ज़मीन नहीं सौंपी गई है। ‘पीएम मोदी ने ट्रंप के राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए…’
राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प
(Donald Trump) के राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण प्राप्त करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को कई बार अमेरिका भेजा। एस. जयशंकर
(S. Jaishankar) ने आरोपों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने “जानबूझकर झूठ बोला।” जयशंकर ने कहा, “प्रधानमंत्री के संबंध में किसी भी स्तर पर निमंत्रण पर चर्चा नहीं की गई। यह सामान्य ज्ञान है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते हैं। वास्तव में भारत का प्रतिनिधित्व आम तौर पर विशेष दूतों द्वारा किया जाता है।”