Priyanka Gandhi ने वायनाड भूस्खलन के लिए केंद्र की ‘सशर्त राहत’ पर बोला हमला, कहा- लगातार दबाव के बाद…
Priyanka Gandhi Letter To PM Modi: वायनाड भूस्खलन में लगभग 300 लोग मारे गए। साथ ही 1,600 से अधिक घर, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र नष्ट हो गए तथा 100 एकड़ से अधिक कृषि भूमि टनों कीचड़ से भर गई।
Priyanka Gandhi Letter To PM Modi: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। प्रियंका गांधी ने केरल के वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई क्षेत्रों के लिए केंद्र की ओर से अपर्याप्त और सशर्त राहत पैकेज को उजागर किया। बता दें कि पिछले साल जुलाई में हुए वायनाड में भूस्खलन से बहुत नुकसान हुआ। वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्र से प्राप्त 529.5 करोड़ रुपये की सहायता राशि के वितरण से जुड़ी शर्तों की आलोचना की।
वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि यह राशि केरल के सांसदों के लगातार आग्रह के बाद ही जारी की गई। प्रियंका गांधी ने कहा, “केंद्र की ओर से दी गई राशि पर्याप्त नहीं है और इस रकम को दो शर्तों के साथ मंजूरी दी गई। पहली शर्त यह कि धनराशि को अनुदान के रूप में नहीं दिया जैसा कि मानक भी है। इस राशि को लोन के रूप में दी गई। दूसरा, यह कि इस धनराशि को 31 मार्च 2025 तक पूरी तरह से खर्च किया जाना चाहिए। ये स्थितियां न केवल अत्यधिक अनुचित हैं, बल्कि ये चूरलमाला और मुंदक्कई के भारी नुकसान झेलने वाले लोगों के प्रति संवेदनशीलता की कमी को भी दर्शाती हैं। उन्होंने पीएम मोदी को याद दिलाया कि अगस्त में प्रभावित क्षेत्रों के उनके दौरे से केंद्र सरकार से काफी वित्तीय सहायता की उम्मीदें बढ़ गई थीं।
Congress MP Priyanka Gandhi Vadra has written a letter to Prime Minister Narendra Modi, urging for a relief package for the Wayanad disaster. pic.twitter.com/VkCz81vPXT
दुर्भाग्य से अपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं- प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी वाड्रा का यह पत्र मोदी सरकार की ओर से भूस्खलन प्रभावित जिले में पुनर्वास परियोजनाओं के लिए 529.5 करोड़ रुपये का लोन देने के कुछ दिनों बाद आया है। बता दें कि इस लोन को 50 वर्षों में चुकाया जाना है। प्रियंका गांधी ने कहा, “दुर्भाग्य से हमारी अपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं। इसके अलावा केंद्र की ओर से इस त्रासदी को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने से इंकार करना एक बड़ा झटका था। महीनों तक लगातार दबाव के बाद ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ की घोषणा सही दिशा में उठाया गया कदम लगा, लेकिन इस अपर्याप्त और सशर्त राहत पैकेज की घोषणा बेहद निराशाजनक है।”
वायनाड भूस्खलन की फाइल फोटो
वायनाड में हुआ भारी नुकसान
वायनाड भूस्खलन में लगभग 300 लोग मारे गए। साथ ही 1,600 से अधिक घर, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र नष्ट हो गए तथा 100 एकड़ से अधिक कृषि भूमि टनों कीचड़ से भर गई। अपने पत्र में प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रभावित लोगों की परेशानियों का उल्लेख करते हुए कहा, “यह अत्यंत दुखद है कि एक भीषण त्रासदी के छह महीने बाद भी वे लोग अपना जीवन पुनः बनाने की कोशिश करते हुए अकल्पनीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
298 लोग मृत पाए गए। 231 शवों के साथ 223 शरीर के अंग बरामद किए गए। 32 लोग लापता बताए गए और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। 14 परिवार पूरी तरह खत्म हो गए। 1,685 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। इनमें घर, स्कूल, गांव के कार्यालय, डिस्पेंसरी, आंगनवाड़ी , दुकानें, धार्मिक केंद्र और सरकारी इमारतें शामिल थीं।”
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