तेजस्वी के नाम पर साधी चुप्पी
पत्रकारों ने जब सचिन पायलट से पूछा कि क्या विपक्ष की ओर से तेजस्वी यादव बिहार में मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, तो उन्होंने साफ कहा कि यह फैसला चुनाव के बाद कांग्रेस हाईकमान और गठबंधन के नेता मिलकर करेंगे। उन्होंने कहा, अगर बहुमत मिलता है तो कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस आलाकमान से मिलकर आगे विचार करेंगे। इस बयान को तेजस्वी यादव के लिए एक सियासी झटके के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि अब तक विपक्षी एकता में उन्हें प्रमुख चेहरा माना जा रहा था।
बेरोजगारी और पलायन पर सरकार को घेरा
अपने संबोधन में सचिन पायलट ने केंद्र और बिहार की सरकारों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, बिहार के युवाओं को बार-बार ठगा गया है. जो वादे किए गए थे, वे आज भी अधूरे हैं। उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा की बदहाली और पलायन को राज्य की सबसे गंभीर समस्याओं में गिनाते हुए कहा कि इन मुद्दों पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है।
कन्हैया का विरोधियों को संदेश
यात्रा के सूत्रधार कन्हैया कुमार ने बताया कि इस पदयात्रा के दौरान उन्हें बिहार के कोने-कोने से युवाओं की समस्याओं और बेरोजगारी को लेकर गहरी नाराजगी देखने को मिली। उन्होंने कहा, हमने जो भी सुझाव और शिकायतें सुनीं, उन्हें एक मांग पत्र के रूप में तैयार कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपेंगे। कन्हैया ने कहा कि बिहार में युवाओं के पलायन को रोकना और उन्हें सम्मानजनक रोजगार देना सरकार की जिम्मेदारी है। पटना में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
यात्रा के समापन को लेकर पटना पुलिस पूरी तरह सतर्क रही। शहर के प्रमुख इलाकों- बोरिंग रोड, डाकबंगला, सचिवालय मार्ग- पर पुलिस बल तैनात रहा। कन्हैया कुमार की यात्रा अंतिम चरण में दीघा से शुरू होकर सचिवालय तक गई, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी की।
राजनीतिक संदेश
कांग्रेस ने इस आंदोलन के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह बिहार के युवाओं के साथ खड़ी है और उनके मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरने से भी नहीं हिचकिचाएगी। हालांकि, सचिन पायलट के बयान से यह भी साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस अभी कोई अंतिम फैसला नहीं करना चाहती।