पूर्व सांसदों की पेंशन में बढ़ोतरी
पूर्व सांसदों की पेंशन में भी इजाफा किया गया है। पहले उन्हें 25,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती थी, जिसे अब बढ़ाकर 31,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, पांच साल से अधिक की सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन को पहले के 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है।
पिछली बार 2018 में हुआ था संशोधन
सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन में यह संशोधन संसद के चालू बजट सत्र के दौरान घोषित किया गया। इससे पहले, सांसदों के वेतन में आखिरी बार अप्रैल 2018 में संशोधन किया गया था, जब मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए उनका मूल वेतन 1,00,000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया गया था। 2018 के संशोधन के तहत, सांसदों को निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 70,000 रुपये, कार्यालय भत्ते के रूप में 60,000 रुपये और संसदीय सत्रों के दौरान 2,000 रुपये दैनिक भत्ता दिया जाता था। अब इन सभी भत्तों में भी वृद्धि की जाएगी। अन्य सुविधाओं में भी बढ़ोतरी
सांसदों को न केवल वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी मिली है, बल्कि उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं में भी संशोधन किया गया है। वर्तमान में, सांसदों को फोन और इंटरनेट के उपयोग के लिए वार्षिक भत्ता मिलता है। इसके अलावा, वे अपने और अपने परिवार के लिए प्रतिवर्ष 34 मुफ्त घरेलू उड़ानों का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही, वे किसी भी समय प्रथम श्रेणी की ट्रेन यात्रा करने के हकदार होते हैं। सड़क मार्ग से यात्रा करने पर भी वे माइलेज भत्ता का दावा कर सकते हैं।
50,000 यूनिट बिजली और 4,000 किलोलीटर पानी फ्री
सरकार सांसदों के आवास और रहने की व्यवस्था भी करती है। अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान, सांसदों को नई दिल्ली में किराए-मुक्त आवास प्रदान किया जाता है। वरिष्ठता के आधार पर उन्हें छात्रावास के कमरे, अपार्टमेंट या बंगले दिए जाते हैं। यदि कोई सांसद सरकारी आवास का उपयोग नहीं करता है, तो वह मासिक आवास भत्ता प्राप्त करने का पात्र होता है। इसके अलावा, सांसदों को सालाना 50,000 यूनिट बिजली और 4,000 किलोलीटर पानी की मुफ्त सुविधा मिलती है।
कानूनी प्रावधानों के तहत वेतन में वृद्धि
सांसदों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि “सांसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954” के तहत की गई है। इस अधिनियम के अंतर्गत केंद्र सरकार को सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन करने का अधिकार प्राप्त है। यह अधिनियम सांसदों के वित्तीय लाभ और सुविधाओं को निर्धारित करता है और समय-समय पर महंगाई के आधार पर इन लाभों में संशोधन किया जाता है। सरकार द्वारा की गई यह वेतन वृद्धि संसद के सदस्यों के जीवन-यापन और बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए की गई है।