scriptमगरमच्छ पालने वाले भाजपा नेता की कहानी: बीड़ी से सोने तक का कारोबार, घर की दीवारों पर जानवरों की खाल | Story of BJP leader Harvansh Singh Rathore who keeps crocodiles Business from bidi to gold | Patrika News
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मगरमच्छ पालने वाले भाजपा नेता की कहानी: बीड़ी से सोने तक का कारोबार, घर की दीवारों पर जानवरों की खाल

BJP leader Harvansh Singh Rathore: आयकर विभाग को पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के ठिकानों से 14 किग्रा सोना और 3.80 करोड़ की नकद राशि मिली। 9 किलो 800 ग्राम सोना विभाग ने जब्त किया है।

नई दिल्लीJan 11, 2025 / 05:31 pm

Anish Shekhar

BJP leader Harvansh Singh Rathore: मध्य प्रदेश के सागर में बंडा से भाजपा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले पर आयकर विभाग के सर्वे के बाद शुक्रवार को वन विभाग के अमले ने 2 मगरमच्छों का रेस्क्यू किया है। आयकर विभाग के सर्वे के दौरान शुक्रवार को बंगला परिसर में मगरमच्छ पाले जाने का पता चला। इसके बाद वन विभाग की टीम को बुलाया गया था। टीम ने 2 मगरमच्छों का रेस्क्यू किया है।
बताया जाता है कि आय से अधिक संपत्ति और टैक्स चोरी की शिकायत पर आयकर विभाग की टीम राठौर के बंगले पर पहुंची थी। बताया जाता है कि उनके घर से कई किलो सोना और करीब चार करोड़ रुपए नकद मिले हैं। 7 बेनामी कारें भी मिलने की बात बताई जा रही है।
राठौर परिवार का कई तरह का पुराना पैतृक कारोबार है। जानवर पालना परिवार का पुराना शौक रहा है। राठौर परिवार समय-समय पर यह दावा करता रहा है कि उनके पास वन्यजीवों के अवशेष व मगरमच्छ को लेकर सभी प्रकार के दस्तावेज हैं। वे इस बात की जानकारी 1980 व 90 के दशक में वन विभाग को दे चुके हैं, उसके बाद से कई बार उन्हें सूचना दी गई। नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि राठौर बंगला में 50-60 साल से मगरमच्छ पाले जा रहे हैं। पहले यहां पर छोटा चिडिय़ाघर भी था, जिसे देखने के लिए शहर भर से लोग जाते थे। उनके बंगले के कमरों की दीवारों पर भी जानवरों की खाल टंगी देखी जा सकती है।
Harvansh Singh Rathore

बीड़ी से सोना तक का कारोबार

राठौर परिवार तोप छाप बीड़ी का कारोबार करता है। एक वक्त में इस बीड़ी की डिमांड कई राज्यों में थी। आज भी मप्र के बाहर यह बीड़ी चलती है। बीड़ी कारोबार के कारण राठौर परिवार की संपत्तियां गांव-गांव में फैल गईं। जगह-जगह बड़े गोदाम बनाए और कृषि योग्य भूमि भी खरीदी। बताया जाता है कि वर्तमान में राठौर परिवार के पास 1200 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि है। लोग बताते हैं कि सालों से यह परिवार सोना-चाँदी खरीद बिक्री का कारोबार भी करता रहा है। शराब और जायदाद के कारोबार में भी राठौर परिवार की भागीदारी बताई जाती है।
बताया जाता है कि आयकर विभाग को पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के ठिकानों से 14 किग्रा सोना और 3.80 करोड़ की नकद राशि मिली। 9 किलो 800 ग्राम सोना विभाग ने जब्त किया है।

राठौर के पिता ने सागर में मजबूत की थी भाजपा

जनसंघ और फिर उसके बाद जब भाजपा अस्तित्व में आई तो कोई भी इस दल का नाम लेने वाला नहीं था। तब पूर्व मंत्री स्व. हरनाम सिंह राठौर ने भाजपा को स्थापित किया। राठौर बंगला से ही भाजपा का कमल खिला और फिर आगे बढ़ता गया। उस समय सभी प्रकार के आयोजनों में राठौर परिवार ही फंडिंग करता था।

चार बार विधायक रहे हरनाम सिंह, मंत्री भी बने

भाजपा को स्थापित करने वाले स्व. हरनाम सिंह की जमीनी स्तर पर लोगों में अच्छी पकड़ थी। वह बंडा विधानसभा से चार बार विधायक निर्वाचित हुए। बंडा विस को राठौर परिवार व भाजपा का गढ़ माना जाने लगा। स्व. हरनाम सिंह 1985, 1990, 1998 और 2003 में चुने गए। उनके बेटे हरवंश सिंह राठौर को बंडा विस से 2013 में भाजपा ने टिकट दिया। उस बार वह जीत गए, लेकिन 2018 में चुनाव हार गए थे।

मगरमच्छ को लेकर हमेशा चर्चा में रहे कुंडा के राजा भैया

उत्तर प्रदेश के दबंग विधायक कहे जाने वाले कुंडा के राजा भैया के बारे में भी प्रचलित था कि वह अपने तालाब में मगरमच्छ पालते थे और अपने दुश्मनों को उसका निवाला बनवा देते थे। लेकिन, राजा भैया ने इससे इंकार किया था। उनकी सफाई थी कि मछलियों का कारोबार करने वाला कोई व्यक्ति मगरमच्छ क्यों पालेगा? उन्होंने कई इंटरव्यू में बताया कि ये बातें पूरी तरह कल्पनाओं पर आधारित हैं।

दुनिया में कई जगह है मगरमच्छ पालने की इजाजत

बता दें कि भारत में घरों में मगरमच्च्छ पालना गैरकानूनी है। वैसे दुनिया में कई जगह ऐसी भी हैं, जहां इसकी इजाजत है। ऑस्ट्रेलिया के नॉर्दर्न टेरिटरी में हाल ही में मगरमच्छ पालने पर लगा बैन हटाया गया है।

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