तीन साल पुराने वादे की याद
स्वाति मालीवाल ने अपने पत्र में कहा कि 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि जीतने पर पार्टी एक दलित उपमुख्यमंत्री बनाएगी। उन्होंने पत्र में लिखा, “बहुत दुख की बात है कि तीन साल बीतने के बावजूद यह वादा पूरा नहीं हुआ है।” मालीवाल ने केजरीवाल से आग्रह किया कि दिल्ली में अब जब नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने का समय आया है, तो इस पद पर दलित समाज से आने वाले किसी विधायक को मौका दिया जाए।
राजनीतिक निर्णय से परे एक नैतिक कदम
मालीवाल ने कहा कि यह कदम केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं होगा, बल्कि पार्टी के मूल सिद्धांतों का सम्मान करने और समानता व न्याय की दिशा में एक मजबूत पहल साबित होगा। उन्होंने पत्र में लिखा, “मैं आपसे निवेदन करती हूं कि इस बार अपने वादे पर खरे उतरें और यह दिखाएं कि आप केवल बातें नहीं करते, बल्कि समानता और न्याय को अपनी राजनीति का आधार भी बनाते हैं।” दिल्ली चुनाव में आप को झटका
बता दें कि हाल ही में पांच फरवरी को हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा था। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से आप महज 22 सीटों पर सिमट गई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 48 सीटों पर जीत हासिल करते हुए 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की। इस हार के बाद नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति पार्टी के लिए एक अहम फैसला बन गया है।
दलित समुदाय के लिए ऐतिहासिक फैसला
स्वाति मालीवाल ने कहा कि एक दलित विधायक को नेता प्रतिपक्ष बनाना न केवल पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक फैसला होगा, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देगा। उन्होंने केजरीवाल से आग्रह किया कि पंजाब में किए गए वादे को न दोहराते हुए इस बार दिल्ली में समानता का उदाहरण पेश करें।
आप नेतृत्व पर बढ़ा दबाव
दिल्ली चुनाव में मिली हार के बाद आप नेतृत्व पर अंदरूनी दबाव भी बढ़ गया है। कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पार्टी को जमीनी स्तर पर फिर से जुड़ने की जरूरत है और मालीवाल का यह पत्र इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।