कंपनी को नहीं मिल रहा लाभ
जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा, “हम इन दोनों पहलों को बंद कर रहे हैं क्योंकि हमें इनमें लाभप्रदता का रास्ता नजर नहीं आ रहा है, बिना ग्राहक अनुभव से समझौता किए।” उन्होंने बताया कि वर्तमान रेस्तरां घनत्व और किचन इन्फ्रास्ट्रक्चर 10-15 मिनट में डिलीवरी के लिए उपयुक्त नहीं है, जिसके कारण ग्राहकों को असंगत अनुभव मिल रहा था।
क्या थी जोमैटो क्विक और एवरीडे सर्विस?
‘जोमैटो क्विक’ एक ऐसी सेवा थी जो 2 किलोमीटर के दायरे में चुनिंदा रेस्तरां से तैयार खाना 15 मिनट में डिलीवर करने का वादा करती थी। वहीं, ‘जोमैटो एवरीडे’ घर जैसा खाना उपलब्ध कराने की पायलट परियोजना थी, जो मुख्य रूप से मेट्रो शहरों में ऑफिस जाने वालों के लिए शुरू की गई थी। हालांकि, कंपनी ने पाया कि एवरीडे की मांग सीमित थी और यह केवल विशिष्ट परिस्थितियों में ही उपयोगी थी।
पहले भी बंद हो चुकी है ऐसी सर्विस
यह जोमैटो का अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी में दूसरा असफल प्रयास है। इससे पहले 2022 में कंपनी ने ‘जोमैटो इंस्टेंट’ नाम से 10 मिनट की डिलीवरी सेवा शुरू की थी, जिसे जनवरी 2023 में बंद कर दिया गया था। जोमैटो क्विक को चार महीने पहले ही लॉन्च किया गया था, लेकिन यह भी ग्राहकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया।
क्यों लिया गया यह फैसला?
जोमैटो के सीएफओ अक्षंत गोयल ने पहले ही संकेत दिए थे कि 10-15 मिनट की डिलीवरी सेवा का कंपनी के मुख्य फूड डिलीवरी व्यवसाय पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ रहा है। इसके अलावा, इस सेगमेंट में स्विगी के ‘बोल्ट’ और ज़ेप्टो जैसे नए प्रतिस्पर्धियों की बढ़ती मौजूदगी ने भी जोमैटो पर दबाव बढ़ाया। स्विगी का बोल्ट दो महीनों में ही 5% फूड डिलीवरी ऑर्डर का हिस्सा बन गया और 400 से अधिक शहरों में विस्तार कर चुका है।
जोमैटो का भविष्य प्लान
जोमैटो अब अपनी क्विक डिलीवरी रणनीति को मुख्य ऐप से हटाकर अपनी सहायक कंपनी ब्लिंकिट के डार्क स्टोर नेटवर्क के जरिए केंद्रित करने की योजना बना रहा है। कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में ‘बिस्ट्रो बाय ब्लिंकिट’ लॉन्च किया था, जो तेज डिलीवरी पर फोकस करता है।
ग्राहकों पर प्रभाव
इस बदलाव के बाद जोमैटो के ग्राहक अब 15 मिनट में खाना मंगवाने का विकल्प नहीं चुन पाएंगे। हालांकि, कंपनी का मुख्य फूड डिलीवरी व्यवसाय सामान्य रूप से चलता रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम जोमैटो के लिए दीर्घकालिक लाभप्रदता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।
बाजार में बढ़ रहा कंपटीशन
जोमैटो का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब 15 मिनट की फूड डिलीवरी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। स्विगी, ज़ेप्टो और अन्य नए खिलाड़ी इस सेगमेंट में अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं। जोमैटो के इस कदम से यह सवाल उठता है कि क्या अन्य कंपनियां भी अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी मॉडल की चुनौतियों का सामना करेंगी।