शाम 6 बजे तक भूखा-प्यासा थाने में बैठाकर रखा। इसके बाद नंगे पांव छोड़ दिया। जैसे-तैसे शाम को किशोरदास बस स्टैंड पहुंचे और यहां से अपने घर रवाना हुए।
बुजुर्ग जगदीश दास बैरागी ने बताया कि तत्कालीन एसडीएम ममता खेड़े ने उसकी जमीन का सीमांकन व बटांकन करने के आदेश दिए थे, लेकिन बीते 6 माह से एसडीएम के आदेश का पालन नहीं हो रहा था। इस वजह से वे हर मंगलवार को जनसुनवाई में गुहार लेकर पहुंच रहे थे।
बुजुर्ग जगदीश दास बैरागी ने बताया कि जनसुनवाई में पहुंचने की जल्दी में सुबह बिना खाना खाए करीब 6 किलोमीटर पैदल चलकर रेवली-देवली पहुंचा। उसके बाद बस में बैठकर नीमच बस स्टैंड पहुंचा। बस स्टैंड से 4 किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। वहां एक घंटे लंबे इंतजार के बाद भी नंबर नहीं आया तो ऊंची आवाज में एसडीएम संजीव साहू को अपनी पीड़ा सुनाई। इस वजह से एसडीएम साहब ने पुलिस के हवाले करवा दिया।
इस मामले में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है, जिसमें बुजुर्ग को थाने पर बैठाया गया था। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को सुना जाएगा, इसके बाद जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।