scriptएएसआई का दावा: वक्फ ने अपनी बता रखी है 256 संरक्षित इमारतें | Patrika News
नई दिल्ली

एएसआई का दावा: वक्फ ने अपनी बता रखी है 256 संरक्षित इमारतें

-वक्फ संशोधन बिल की जेपीसी रिपोर्ट में शामिल
-कई किले व दरवाजों के साथ अधिकांश मस्जिद, गुंबद, मजार शामिल

नई दिल्लीFeb 14, 2025 / 12:07 pm

Shadab Ahmed

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) की रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच गुरुवार को पेश की गई। इसमें बताया गया है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने 256 संरक्षित इमारतों की सूची दी है, जो कि वक्फ ने अपनी बता रखी है। इसमें कई किले, बाग, चारदीवारी शामिल है। हालांकि ज्यादा संख्या ऐतिहासिक मस्जिदों, मजार व गुंबदों की है। वहीं वक्फ की करीब 58 हजार से अधिक संपत्तियों पर अतिक्रमण का जिक्र भी किया गया है।
जेपीसी की यह रिपोर्ट 944 पेज की है। जेपीसी ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, कानून मंत्रालय, रेल मंत्रालय, एएसआई, विभिन्न राज्यों के वक्फ बोर्ड समेत मुस्लिम व हिंदू समाज के कई संगठनों के साथ 38 बैठकों में 128 घंटे 10 मिनट की चर्चा की है। रिपोर्ट में हर बैठक का ब्यौरा दिया गया है। एएसआई ने जेपीसी को सूची भी सौंपी है, जिसमें करीब 256 संरक्षित इमारतों का जिक्र है। इनमें अकेले दिल्ली की 75 इमारतें शामिल है। इसमें कुतुब मीनार क्षेत्र, सुंदरवाला महल, बाराखंभा, पुराना किला, लाल बंगला, कर्नाटक का बिदार के किले, कलबुर्गी स्थित गुलबर्ग किला शामिल है। जबकि अन्य प्राचीन जामा मस्जिदें, सूफी संतों की इमारतें, गुंबद आदि शामिल है।

वक्फ संपत्ति का निर्धारण कलक्टर के ऊपर का अधिकारी करें

जेपीसी ने बिल संशोधन के लिए अपनी सिफारिशें भी दी है। इनमें वक्फ संपत्ति के निर्धारण की शक्ति कलक्टर की बजाय उसके ऊपर के अधिकारी को देने की सिफारिश की गई है। इसी तरह दो गैर मुस्लिम सदस्यों के अलावा दो गैर मुस्लिम पदेन सदस्य की सिफारिश की है। यह संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी होंगे। साथ ही यह गैर मुस्लिम सदस्यों की गिनती में नहीं आएंगे।

मुस्लिम संगठनों का विरोध

जेपीसी ने इस बिल को लेकर हिंदू व मुस्लिम संगठनों से लंबी वार्ता की है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से करीब 5 घंटे 55 मिनट, जमीयत उलेमा हिंद से करीब 3 घंटे से अधिक की वार्ता शामिल है। अधिकांश मुस्लिम संगठनों ने बिल का विरोध किया है। वहीं कई राज्यों के वक्फ बोर्ड भी इसके खिलाफ रहे हैं।

हमारी 2704 वर्ग मीटर भूमि वक्फ घोषित

रेलवे ने जेपीसी को बताया कि उनकी 2704 वर्ग मीटर भूमि को वक्फ घोषित हो चुकी है। इसमें जयपुर रेलवे स्टेशन की 45.9 वर्ग मीटर और जोधपुर की 131.67 वर्ग मीटर भूमि शामिल है। कुछ मामले अब भी न्यायालयों में पेंडिंग है।

रेल मंत्रालय-फैसले को चुनौती का मिलेगा अधिकार

रेल मंत्रालय ने जेपीसी को बताया कि वर्तमान में जिन मामलों में रेलवे की जमीन के स्वामित्व का वक्फ बोर्ड से विवाद है, उनमें रेलवे वक्फ ट्रिब्यूनल के किसी भी प्रतिकूल फैसले के खिलाफ अपील नहीं कर सकेगा। यह केवल एक पुनरीक्षण आवेदन कर सकता है जो केवल कानूनी त्रुटियों या अनियमितताओं की जांच करने तक ही सीमित है। वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों से रेलवे प्रतिकूल निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देने में सक्षम होगा और मामले की योग्यता के आधार पर निर्णय की व्यापक समीक्षा का अनुरोध कर सकता है। भारतीय रेलवे को विवाद को सुलझाने और प्रभावित परियोजनाओं में तेजी लाने में लाभ हो सकता है।

डिसेंट नोट्स हटाने पर हंगामा

इससे पहले संसद के दोनों सदनों में जेपीसी रिपोर्ट से विपक्षी सांसदों के डिसेंट नोट्स हटाने को लेकर हंगामा हुआ। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में कहा कि रिपोर्ट से विपक्षी सांसदों के डिसेंट नोट्स हटाए, यह फर्जी असवेंधानिक रिपोर्ट है, जिसे हम नहीं मानते हैं। वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई है। जो भी विवाद है, जिनको पूरी तरह से नहीं रखा गया है, उन्हें संसदीय कार्यप्रणाली के उपयुक्त रूप में जोड़ा जाए। इसमें हमारी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं है।

Hindi News / New Delhi / एएसआई का दावा: वक्फ ने अपनी बता रखी है 256 संरक्षित इमारतें

ट्रेंडिंग वीडियो