AAP नेताओं की सामने आई तीखी प्रतिक्रिया
सीबीआई की छापेमारी को लेकर दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी और AAP प्रवक्ता जैस्मिन शाह समेत कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर इस रेड को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। इन सभी नेताओं का दावा है कि केंद्र सरकार की ओर से आम आदमी पार्टी के नेताओं को डराने और पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। मनीष सिसोदिया ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “2027 में गुजरात विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर CBI ने छापा मारा है। यह कोई संयोग नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश है। बीजेपी जानती है कि गुजरात में अब सिर्फ AAP ही उन्हें चुनौती दे सकती है। इसी सच्चाई से डरकर उन्होंने यह कार्रवाई की है।”
संजय सिंह ने भी साधा निशाना
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी CBI की कार्रवाई को राजनीतिक हमला बताते हुए कहा, “बीजेपी का गंदा खेल फिर शुरू हो गया है। गुजरात चुनाव प्रभारी बने दुर्गेश पाठक के घर पर CBI भेजना डर और बौखलाहट का संकेत है। मोदी सरकार पहले भी AAP को खत्म करने की कोशिश कर चुकी है लेकिन हर बार नाकाम रही है। गुजरात में बीजेपी की हालत पतली है, इसलिए अब डर के मारे इस तरह की हरकतें कर रही है।”
CBI ने बताई कार्रवाई की वजह
इस बीच सीबीआई की ओर से भी बयान सामने आया है। जिसमें बताया गया कि यह छापेमारी फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) से जुड़े एक मामले में की गई है। सीबीआई के सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक दुर्गेश पाठक के घर पर कुछ दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जा रही है। हालांकि, सीबीआई ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह मामला कब दर्ज हुआ और क्या इसमें कोई नई जानकारी सामने आई है।
राजनीतिक मोड़ लेता मामला
दूसरी ओर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा “आम आदमी पार्टी ने जैसे ही गुजरात चुनाव की तैयारी शुरू की, गुजरात के सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक के घर CBI रेड करने पहुंच गई! गुजरात में ‘आप’ ही भाजपा को चुनौती दे सकती है और यह रेड इनकी बौखलाहट दिखा रही है! इतने सालों मे भाजपा को समझ नहीं आया कि हम उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। इस घटनाक्रम ने दिल्ली और गुजरात की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। आम आदमी पार्टी जहां इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, वहीं बीजेपी की ओर से इस पर फिलहाल कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। जबकि AAP नेता इसे मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।