सुरक्षा आकलन के बाद लिया गया निर्णय
पुलिस सूत्रों की मानें तो यह बदलाव उस समय प्रस्तावित किया गया जब दिल्ली पुलिस की सुरक्षा इकाई ने गृह मंत्रालय से आतिशी की वर्तमान सुरक्षा स्थिति को लेकर मार्गदर्शन मांगा। उसी दौरान मंत्रालय से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ‘जेड-प्लस’ सुरक्षा व्यवस्था पर भी सलाह ली गई थी कि क्या उसमें कोई बदलाव आवश्यक है। प्रारंभ में गृह मंत्रालय ने दोनों नेताओं की सुरक्षा में किसी भी तरह का परिवर्तन करने से मना किया था। हालांकि बाद में आतिशी की सुरक्षा को घटाकर ‘वाई’ श्रेणी में रखने का स्पष्ट निर्देश दे दिया गया।
‘वाई’ श्रेणी में कितनी सुरक्षा?
‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा के अंतर्गत अब आतिशी को लगभग 12 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए जाएंगे। जिनमें दिल्ली पुलिस के दो प्रशिक्षित कमांडो भी शामिल होंगे। इसके मुकाबले ‘जेड’ श्रेणी में 22 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) या सशस्त्र बलों के विशेष दस्ते भी शामिल हो सकते हैं। ‘वाई’ श्रेणी में सुरक्षा का दायरा अपेक्षाकृत सीमित होता है और कई विशेषाधिकार जैसे पायलट वाहन (एस्कॉर्ट व्हीकल), सड़क खाली करवाने की प्राथमिकता और समर्पित रूट प्लानिंग जैसी सुविधाएं हटा ली जाती हैं। पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा में भी कटौती
गृह मंत्रालय ने केवल आतिशी की सुरक्षा में बदलाव नहीं किया है। इसके पहले मार्च माह में दिल्ली पुलिस ने मनीष सिसोदिया (दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री), विधायक अजय दत्त और दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राम निवास गोयल को दी गई ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा को हटाने का भी प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा था। यह निर्णय भी इन्हीं मानकों पर आधारित था कि खतरे की वर्तमान स्थिति में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं पाई गई है।
सुरक्षा का आकलन कैसे होता है?
केंद्रीय गृह मंत्रालय समय-समय पर खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों से राजनीतिक नेताओं, विशिष्ट व्यक्तियों तथा संवेदनशील पदों पर बैठे लोगों की सुरक्षा का आकलन करवाता है। इसमें यह तय किया जाता है कि किसी व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा दी जानी चाहिए। जैसे कि एक्स, वाई, जेड या जेड-प्लस। आतिशी को मुख्यमंत्री पद संभालने के तुरंत बाद ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी, जिसे अब डाउनग्रेड कर दिया गया है।
सौरभ भारद्वाज बोले- हम निवेदन करते हैं…
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार पर विधवा और तलाकशुदा महिलाओं की पेंशन रोकने का आरोप लगाया है। AAP के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले दो महीने से पेंशन नहीं दी गई है और महिलाएं ऑफिस के चक्कर लगा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि हजारों महिलाओं की पेंशन काटी जा रही है। जो उन्हें वर्षों से मिल रही थी। भारद्वाज ने इसे संवेदनशील मुद्दा बताते हुए सरकार से अपील की कि किसी जरूरतमंद विधवा महिला की पेंशन न काटें, क्योंकि इससे उनका घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। मंगलवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सौरभ भारद्वाज ने कहा “हमें सूचना मिली है कि दिल्ली की बीजेपी सरकार कई हजार विधवा महिलाओं की पेंशन काटने वाली है। ये पेंशन महिलाओं को कई सालों से मिल रही थी। हम रेखा गुप्ता सरकार से निवेदन कर रहे हैं कि ये बहुत संवेदनशील मामला है। किसी विधवा महिला की पेंशन काटने से उसका घर चलाना काफी मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में इस तरह का फैसला लेने से पहले ये जरूर सोचिएगा कि कोई जरूरतमंद महिला ऐसी ना हो जिसकी पेंशन आप काट दें।”
आतिशी ने रेखा सरकार पर साधा निशाना
एक ओर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी की कालकाजी विधायक आतिशी की जेड श्रेणी की सुरक्षा हटा ली है। दूसरी ओर पूर्व सीएम और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने रेखा सरकार पर पावर कट को लेकर निशाना साधा है। आतिशी ने मंगलवार को कहा “कल दिल्ली में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया। दिल्ली में बढ़ते पारे के बीच रात के समय कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही। लेकिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी कहती हैं कि दिल्ली में कोई पावरकट नहीं लग रहे। लोग तो खुद मोमबत्ती जलाकर, कैंडल लाइट डिनर कर रहे हैं। रेखा गुप्ता जी!आप दिल्ली की मुख्यमंत्री है। ऐसे दिल्लीवालों का मज़ाक मत उड़ाइये। लोग बहुत परेशान है, उनकी पावरकट की समस्या का समाधान कीजिए।”