दिल्ली सरकार ने यमुना नदी की सफाई को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया है। गुरुवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री प्रवेश वर्मा ने यमुना के वजीराबाद क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने सफाई अभियान का जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें सफाई की स्थिति और प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने यमुना में गिरने वाले नालों का भी निरीक्षण किया। इससे पहले पीडब्ल्यूडी मंत्री वर्मा ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इसमें दिल्ली जलबोर्ड, पीडब्ल्यूडी और एमसीडी को यमुना की सफाई के लिए मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया था।
यमुना सफाई को पहली प्राथमिकता मान रही भाजपा सरकार
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि भाजपा सरकार यमुना की सफाई को लेकर सजग है। इसी के तहत गुरुवार को यह निरीक्षण किया गया। दिल्ली में यमुना नदी को जीवनरेखा माना जाता है, लेकिन समस्या यह है कि इस नदी में कई नाले बिना ट्रीटमेंट के गिरते हैं। जिसकी वजह से नदी का पानी पीने और नहाने के लायक नहीं रह जाता। दिल्ली सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए बजट में 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। ताकि इन नालों का पानी पूरी तरह से ट्रीट किया जा सके और प्रदूषण को कम किया जा सके। दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने बाढ़ और सिंचाई विभाग को दिल्ली के नालों की नियमित सफाई की जिम्मेदारी दी है। इसी के तहत बाढ़ और सिंचाई विभाग वजीराबाद नाले की सफाई में जुटा है। यमुना नदी में गिरने वाला दिल्ली का यह प्रमुख नाला है। दिल्ली सरकार का उद्देश्य यमुना नदी में गिरने वाले कचरे और गंदगी को रोकना है। ताकि नदी का पानी साफ रहे। साफ सफाई रहने से यमुना के इर्द-गिर्द रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा बना था दिल्ली का प्रदूषण
दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय यमुना नदी में प्रदूषण एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया था। राजनीतिक दलों ने प्रदूषण, अतिक्रमण और बाढ़ प्रबंधन को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए थे। भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर यह आरोप लगाया था कि वह यमुना की सफाई के वादों को पूरा करने में असफल रही है। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में यमुना सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही थी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने यमुना नदी को अवैध खनन, डंपिंग, अतिक्रमण और चोरी से बचाने के लिए प्रादेशिक सेना से मदद मांगी थी।
यमुना सफाई की दिल्ली सरकार ने बनाई ठोस रणनीति
सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार ने अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए यमुना सफाई की दिशा में ठोस कदम उठाने की योजना बनाई है। फरवरी 16, 2025 को नदी में कचरा निकालने वाले स्किमर और खरपतवार हटाने वाले वाहन तैनात किए गए थे। इसके अलावा, ड्रेज यूटिलिटी वाहनों को भी नदी की सफाई में लगाया गया है, जिससे नदी के पानी में सुधार और प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सके। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य यमुना नदी की स्थिति को बेहतर बनाना है, ताकि यह दिल्लीवासियों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित जलस्रोत बन सके। दिल्ली सरकार का यह सफाई अभियान यमुना नदी के संरक्षण के लिए एक आवश्यक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसे हर स्तर पर समर्थन मिल रहा है। इस कदम से न केवल यमुना नदी की सफाई होगी, बल्कि दिल्ली के पर्यावरण को भी बड़ी राहत मिलेगी।