scriptदिल्ली में मंदिर विवाद ने पकड़ा जोर, सीएम रेखा गुप्ता के हस्तक्षेप के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे लोग, सुनवाई से इनकार | DDA team reached demolish religious structures in Delhi bulldozer action stop on order of CM Rekha Gupta | Patrika News
नई दिल्ली

दिल्ली में मंदिर विवाद ने पकड़ा जोर, सीएम रेखा गुप्ता के हस्तक्षेप के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे लोग, सुनवाई से इनकार

Delhi Bulldozer Action: दिल्ली के मयूर विहार इलाके में बुधवार रात तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए बुलडोजर पहुंचा। इसपर स्‍थानीय लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। पटपड़गंज विधायक के हस्तक्षेप के बाद सीएम रेखा गुप्ता ने कार्रवाई स्‍थगित कर दी।

नई दिल्लीMar 20, 2025 / 02:14 pm

Vishnu Bajpai

Delhi Bulldozer Action: दिल्ली में धार्मिक ढांचों को तोड़ने पहुंची डीडीए टीम, सीएम रेखा गुप्ता ने क्यों रोकी कार्रवाई?
Delhi Bulldozer Action: दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में बुधवार रात उस समय भारी हंगामा हो गया। जब बुधवार रात तीन बजे तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए डीडीए टीम बुलडोजर लेकर पहुंची। स्‍थानीय लोगों को इस मामले की जानकारी होते ही आक्रोश फैल गया। इसके बाद लोगों ने डीडीए टीम का जमकर विरोध किया। हंगामे और नारेबाजी की सूचना पर पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज से भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद विधायक रविंद्र सिंह नेगी सीएम रेखा गुप्ता को मामले की जानकारी दी। इसपर सीएम रेखा गुप्ता ने कार्रवाई को तत्‍काल रोकने का आदेश देकर डीडीए टीम को बैरंग लौटा दिया।

मंदिर के अंदर घंटियां बजाकर जुटाए गए लोग

डीडीए की टीम का कहना कि हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट की ओर से इन मंदिरों को तोड़ने का नोटिस चस्पा किया गया था। इसमें कहा गया है “20 मार्च को संजय लेक ग्रीन एरिया में बनाए गए धार्मिक ढांचों को हटाया जाएगा।” मंदिर तोड़ने पहुंची डीडीए टीम ने बताया कि 25 अक्टूबर 2024 को रिलिजियस कमेटी की प्रिंसिपल सेक्रेट्री की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें कमेटी ने डीडीए को अतिक्रमण और अवैध तरीके से बनाए गए धार्मिक ढांचों को हटाने की सिफारिश की थी। वहीं बुलडोजर लेकर भारी पुलिस बल के साथ पहुंची डीडीए टीम को देखकर स्‍थानीय लोग भड़क उठे। उन्होंने मंदिर की घंटियां बजाकर बड़ी संख्या में स्‍थानीय लोगों को इकट्ठा कर लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पार्क में बने सभी मंदिर 40 साल पुराने हैं।

ग्रीन बेल्ट में बने हैं तीनों मंदिर

दरअसल, दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 क्षेत्र स्थित संजय झील पार्क में 3 मंदिर स्‍थापित हैं। स्‍थानीय निवासियों का कहना है कि ये मंदिर 40 साल पुराने हैं। जबकि डीडीए के हॉर्टिकल्चर विभाग इन मंदिरों को अवैध बता रहा है। डीडीए टीम का कहना था कि मंदिरों को ग्रीन बेल्ट में बनाया गया है। इसलिए डीडीए की ओर से मंदिरों के बाहर नोटिस चस्पा कर इसकी जानकारी दी गई है। इसमें मंदिर तोड़ने की बात कही गई है। इसी के चलते बुधवार रात तीन बजे भारी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ डीडीए टीम पहुंची थी। इसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। ताकि महिलाओं के विरोध को कंट्रोल किया जा सके।
यह भी पढ़ें

एक भी आक्रांता को नहीं छोड़ेंगे, मिटा देंगे…दिल्ली में युवक ने अकबर के साइनबोर्ड पर कालिख पोती, पुलिस को दी चेतावनी

भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने किया ये दावा

पूर्वी दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने बताया “बिना किसी पूर्व सूचना के पुलिस बल और डीटीए का पूरा अमला सुबह 3 बजे मौके पर पहुंचा। जब हम मौके पर पहुंचे तो हमने उनसे पूछा कि जब भी कोई तोड़फोड़ होती है तो पहले सूचना देना जरूरी होता है। उन्होंने जवाब दिया कि ग्रीन बेल्ट के मामलों में कोई नोटिस नहीं दिया जाता और वो सीधे तोड़फोड़ की कार्रवाई करते हैं।” बहरहाल मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्‍थानीय लोगों के भारी विरोध के बीच मंदिरों को तोड़ने की कार्रवाई पर अनिश्चित काल के लिए रोक लगा दी है। इसके बाद डीडीए की टीम लौट गई।

रात में सीएम रेखा गुप्ता ने लिया एक्‍शन

दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 में भारी हंगामे की सूचना पर रात में ही विधायक रविंद्र नेगी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने सीएम रेखा गुप्ता को फोन कर मामले की पूरी जानकारी दी। साथ ही डीडीए के उच्च अधिकारियों से भी बात की। रविंद्र नेगी बताते हैं “रात में ही मेरी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उपराज्यपाल और सांसद हर्ष मल्होत्रा से बात हुई। इसके बाद कार्रवाई रोकी गई और पुलिस बल के साथ ही डीडीए टीम को वापस भेजा गया।” उन्होंने बताया कि फिलहाल मंदिर तोड़ने की कार्रवाई पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई है। सीएम रेखा गुप्ता ने रात में ही इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

मयूर विहार फेज 2 में स्थित तीन मंदिरों पर बुधवार रात बुलडोजर एक्‍शन के बाद स्‍थानीय लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई से इनकार कर दिया। साथ ही इस मामले के लिए हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है। दरअसल, मयूर विहार फेज 2 में पूर्वी दिल्ली काली बाड़ी समिति, श्री अमरनाथ मंदिर संस्था और श्री बद्रीनाथ मंदिर की समितियों ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के 19 मार्च 2025 को जारी विध्वंस नोटिस को चुनौती दी है। वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि अधिकारियों ने बुधवार रात 9 बजे सार्वजनिक नोटिस लगाया और बताया कि मंदिरों को 20 मार्च 2025 को सुबह 4 बजे ध्वस्त कर दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दिए गए ये तर्क

वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा “मयूर विहार में मंदिर तोड़ने पहुंची डीडीए टीम ने धार्मिक समिति को सुनवाई का मौका नहीं दिया। याचिका में मंदिरों को चार दशक पुराना बताते हुए कहा गया है कि डीडीए ने खुद काली बाड़ी समिति मंदिर को मंदिर के सामने मैदान में दुर्गा पूजा करने की अनुमति दी थी। डीडीए ने मनमाने तरीके से सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए मंदिर को गिराने का फैसला किया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है।

Hindi News / New Delhi / दिल्ली में मंदिर विवाद ने पकड़ा जोर, सीएम रेखा गुप्ता के हस्तक्षेप के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे लोग, सुनवाई से इनकार

ट्रेंडिंग वीडियो