हीरे और सोने-चांदी के जेवरातों समेत एक करोड़ का माल पार
दक्षिणी पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार ने बताया कि चार फरवरी को पीड़ित अमीर गुप्ता ने अपने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी ईस्ट स्थित घर पर चोरी होने की शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि वह परिवार के साथ 26 फरवरी से तीन मार्च के बीच शहर से बाहर थे। इसी दौरान किसी ने उनके घर से कीमती घड़ियां, हीरे और सोने चांदी के आभूषण समेत नकदी चोरी कर ली। पुलिस ने इस मामले की एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की। इस दौरान
पुलिस टीम ने शिकायतकर्ता के घर पर काम करने वाले 22 कर्मचारियों से पूछताछ की।
सीसीटीवी और सीडीआर ने खोले करोड़ों की चोरी के राज
डीसीपी रवि कुुमार ने बताया “सभी कर्मचारियों के सीडीआर और मौके पर लगे सीसीटीवी फुटेज का भी विश्लेषण किया गया। इस दौरान सुमित की भूमिका संदिग्ध मिली। इसके बाद सुमित की तलाश की गई तो पता चला कि वह फरार है। इसके बाद पुलिस ने उसके पैतृक घर की ओर रुख किया। आठ मार्च को दिल्ली पुलिस की टीम ने आरोपी सुमित को अंबेडकर नगर के पीपल चौक से उस समय धर दबोचा। जब वह कहीं भागने की फिराक में पीपल चौक पहुंचा था। पुलिस ने सुमित से पूछताछ की तो वह टाल-मटोल करने लगा। डीसीपी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की टीम आरोपी सुमित को लेकर दिल्ली आई। यहां कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी टूट गया। इसके बाद उसने चोरी की वारदात को स्वीकार करते हुए सामान के बारे में जानकारी दी। पुलिस ने सुमित की निशानदेही पर एक करोड़ रुपए का सामान बरामद किया। इसमें हीरे और सोने-चांदी की ज्वैलरी, कीमती घड़ियां और 13,500 रुपए नगद भी शामिल हैं।
कैसे तोड़ा गया था डिजिटल लॉकर
डीसीपी रवि कुमार ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने डिजिटल लॉकर तोड़ने के लिए पेचकस का इस्तेमाल किया था। बहरहाल आरोपी को जेल भेज दिया गया है। दूसरी ओर, एक अन्य मामले में दक्षिणी दिल्ली की वसंत कुंज थाने की टीम ने तीन शातिर चोरों को दबोचा है। तलाशी में उनके पास से एक देसी पिस्तौल के साथ-साथ दो कारतूस, दो चाकू, ताले तोड़ने के औजार, दो वाकी-टाकी सेट बरामद की।
शातिर चोरों पर पहले से दर्ज हैं कई मुकदमे
आरोपियों की पहचान मंगलू उर्फ राहुल और अलाउद्दीन निवासी विश्वनाथपुरी भलस्वा डेयरी, नरेश मंडल निवासी सोनिया विहार के रूप में हुई है। आरोपियों के पास चोरी की गई चांदी और सोने के आभूषण, छह कीमती घड़ियां और परफ्यूम भी बरामद हुए हैं। इसमें मंगलू पर डकैती, सेंधमारी और चोरी के 42 मामले, नरेश मंडल आठ और अलाउद्दीन पर 32 मुकदमे दर्ज हैं।