देशभर में सक्रिय हैं कई मौसम प्रणालियां
मौसम विभाग के अनुसार, इस समय देश के विभिन्न हिस्सों में एक साथ कई मौसमी सिस्टम सक्रिय हैं। बंगाल की खाड़ी और गुजरात क्षेत्र में बने कम दबाव के क्षेत्रों ने मानसून को नई ऊर्जा दी है, जिसकी वजह से यह 16 से 18 जून के बीच तेज़ी से आगे बढ़ा। इसके चलते मध्य भारत, पश्चिमी और पूर्वी भारत में मानसूनी गतिविधियां तेज़ हुई हैं और अब बारी है उत्तर भारत की। उत्तर-पश्चिम भारत में 20 जून से 25 जून के बीच अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है। इस अवधि में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून की वर्षा हो सकती है। इन इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश, तेज हवाएं और आंधी-तूफान की स्थिति भी बन सकती है।
तेजी से आगे बढ़ रहा है मानसून
आईएमडी के अनुसार, मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल में दस्तक देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। लेकिन इस बार एक सप्ताह पहले ही यह देश के बड़े हिस्से में पहुंच चुका है। अगले सप्ताह में देश के शेष हिस्सों में भी मानसून की बारिश होने की संभावना है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि इस बार पूरे भारत में मानसून समय से पहले पूर्ण रूप से सक्रिय हो जाएगा।
क्या कहते हैं मौसम विशेषज्ञ?
आईएमडी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि “इस साल मानसून की शुरुआत में थोड़ी धीमी गति थी, लेकिन अब समुद्री परिस्थितियों में बदलाव और कम दबाव के क्षेत्रों के कारण यह तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। अगले दो से तीन दिनों में यह दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में पहुंच जाएगा। इसके साथ ही बाकी हिस्सों में भी सामान्य तिथि से पहले वर्षा की संभावना है।”
लू से राहत, लेकिन बिजली गिरने का खतरा
जून की शुरुआत से बारिश में कमी और तापमान में तेजी से बढ़ोतरी के कारण उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में लू की स्थिति बनी हुई थी। 8 से 9 जून के बीच कई राज्यों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया था। अब बारिश के आसार बढ़ने से गर्मी से कुछ राहत जरूर मिलेगी, लेकिन मौसम विभाग ने बिजली गिरने और आंधी-तूफान के खतरे को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में बिजली गिरने की घटनाओं के साथ तेज हवाओं की भी आशंका है। इन राज्यों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। दक्षिण और मध्य भारत में भारी बारिश की संभावना
दक्षिण भारत में मानसून पहले ही पहुंच चुका है और केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में रुक-रुक कर भारी बारिश हो रही है। महाराष्ट्र और विदर्भ के कुछ हिस्सों में भी बारिश का दौर जारी है। जबकि मध्य प्रदेश में पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश और बिजली गिरने के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है।