रविवार को कैसा रहेगा दिल्ली-एनसीआर का मौसम?
मौसम विभाग के लेटेस्ट अपडेट (IMD Latest Prediction) की मानें तो दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ इलाकों में रविवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। इसके साथ ही 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। जबकि कहीं हल्की बारिश तो कहीं बूंदाबांदी होने की संभावना है। जबकि 16 मार्च को दिल्ली में अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 16 से 18 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
मौसम विभाग ने इन इलाकों में जारी की भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग (IMD) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह की मानें तो एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 16 मार्च तक व्यापक रूप से बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। जबकि 16 मार्च तक उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में भी छिटपुट बारिश हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटे के दौरान हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। 16 मार्च को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश या बर्फबारी की प्रबल संभावना है। इससे फसलों को नुकसान होने की संभावना है।
17 मार्च को भी तेज रफ्तार से चलेंगी हवाएं
मौसम विभाग (IMD) के लेटेस्ट अपडेट के अनुसार
दिल्ली में 17 मार्च को एक बार फिर गर्मी का अहसास हो सकता है। मौसम विभाग ने 17 मार्च को दिल्ली का अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री रहने का अनुमान लगाया है। जबकि न्यूनतम तापमान 16 से 18 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना बताई है। हालांकि दिल्ली में 17 मार्च को हवा की रफ्तार 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे रहने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो 17 मार्च को दिल्ली में कहीं-कहीं आंधी के झोंके लग सकते हैं, लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। बात अगर 18 मार्च की करें तो इस दिन दिल्ली का अधिकतम तापमान 31 से 33 और न्यूनतम तापमान 15 से 17 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड होने का अनुमान है।
19 मार्च को फिर बदलेगी मौसम की चाल
बात अगर 19 मार्च की करें तो दिल्ली-एनसीआर में बादल छाए रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 19 मार्च को दिल्ली में हल्के बादल छा सकते हैं। हालांकि तापमान में कोई भी बदलाव होने की संभावना नहीं है। यानी 19 मार्च को दिल्ली का अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17 से 19 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। जबकि 20 और 21 मार्च को अधिकतम तापमान 35 से 37 डिग्री और 17 से 20 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार इन दोनों दिनों में बादलों की आवाजाही के साथ छिटपुट बारिश हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ लगातार सक्रिय
वरिष्ठ मौसम एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय की मानें तो इस साल सर्दियों के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। अधिकांश पहाड़ी राज्यों में ज्यादा बारिश की कमी देखी गई थी, जिससे सूखे जैसी स्थिति बन गई थी। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। हाल के हफ्तों में पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। मौसम प्रणाली में इस बदलाव के कारण फरवरी के आखिरी दिनों और मार्च के पहले कुछ दिनों में भारी से बहुत भारी बर्फबारी हुई।
बारिश और बर्फबारी का मुख्य कारण
वरिष्ठ मौसम एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागर से उठने वाले बाह्य-उष्णकटिबंधीय तूफान(extratropical storm) होते हैं, जो सर्दियों में पश्चिमी हिमालय में बारिश और बर्फबारी लाते हैं। आमतौर पर, मार्च आते-आते इनकी सक्रियता घटने लगती है, लेकिन इस साल मौसम का रुख अलग रहा है। आने वाले तीन से चार दिनों में लगातार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेंगे, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में व्यापक बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। इसके अलावा उत्तर पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान के आसपास एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) विकसित हो रहा है। इसके चलते सिस्टम उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करेगा। से 15/16मार्च के बीच, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश कहीं कहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर मध्य प्रदेश में बारिश देखने इस दौरान उत्तर भारत के कई राज्यों में छिटपुट बारिश हो सकती है।
ओलावृष्टि की संभावना और किसानों के लिए चिंता
बारिश के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर राजस्थान के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि (Hailstorm) भी हो सकती है। ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है, जिससे किसानों को सतर्क रहने की जरूरत होगी। यह फसल उत्पादन को प्रभावित कर सकता है, जिससे कृषि क्षेत्र में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बदलता हुआ मौसम उत्तरी भारत में सर्दियों से बसंत ऋतु में हो रहे बदलाव को दिखा रहा है।
ओलावृष्टि के दौरान किसानों को सतर्क रहने की सलाह
पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवातीय परिसंचरण की परस्पर क्रिया आने वाले हफ्तों में भी मौसम को प्रभावित कर सकती है। एक ओर जहां पश्चिमी हिमालय में वर्षा की कमी को दूर करने के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित होगी। वहीं, दूसरी ओर उत्तर भारत के किसानों को ओलावृष्टि और बारिश से सतर्क रहना होगा। इस बार मार्च में भी पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय बना हुआ है, जिससे पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों दोनों में प्रभाव देखने को मिलेगा। जहां हिमालयी राज्यों में बर्फबारी की कमी दूर होगी, वहीं उत्तर भारत के किसान ओलावृष्टि और बारिश के कारण सतर्कता बरतने की जरूरत होगी।