गाजियाबाद के तुलसी निकेतन में हादसा
दरअसल, गाजियाबाद के तुलसी निकेतन में यह घटना उस समय घटी। जब बुधवार शाम को दिल्ली के मंडोली निवासी मामा-भांजे एक किराने की दुकान पर कुछ सामान लेने पहुंचे। गुरुवार को 25 साल के मामा आकाश की सगाई थी। इसलिए घर में मेहमानों के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं। इसी दौरान आकाश अपने तीन साल के भांजे वंश को लेकर किराने की दुकान पर कुछ सामान लेने पहुंचा था। यह दुकान एक पुराने और जर्जर हो चुके ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) फ्लैट के नीचे थी। दुकान की दूसरी मंजिल की बालकनी पर एक शौचालय भी बना हुआ था। इसके चलते बालकनी अचानक भरभराकर गिर गई और मामा-भांजे उसके मलबे में दब गए। मौके पर ही दोनों की मौत हो गई।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हादसे के बाद तीन साल के वंश की मां और आकाश की बहन भारती और भारती की मां मनोष देवी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इस हादसे में दो घरों के चिराग बुझने से मां और बेटी गहरे सदमे में हैं। आकाश की मां मनोष देवी ने बताया “आकाश गुरुवार को सगाई करने वाला था। वह आमतौर पर रात साढ़े नौ बजे घर आता था, लेकिन उस दिन जल्दी लौट आया था। शाम 7:15 बजे वह दूध लाने नीचे गया, और दो मिनट बाद हमारी दुनिया उजड़ गई।” उधर, तीन साल के बेटे वंश की मौत पर भारती भी पूरी तरह टूट चुकी है। गुरुवार को वह भी होश में आते ही सिर्फ अपने बेटे वंश का नाम लेते हुए पड़ोसी की गोद में बेहोश होकर गिर पड़ी। इस बीच किसी ने तुरंत पानी लाकर उनके चेहरे पर छींटें मारीं। होश में आने पर उसे फिर याद आया कि उसका बेटा और भाई दोनों अब इस दुनिया में नहीं रहे। इसपर वह फूट-फूटकर रो पड़ीं।
घर का इकलौता कमाने वाला था आकाश
दिल्ली के मंडोली निवासी आकाश घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। वह गाजियाबाद में बहन के घर रहकर पुराने प्रेशर कुकर की मरम्मत करने वाली दुकान में काम करता था। आकाश अपने परिवार के साथ कुछ महीने पहले ही गाजियाबाद के तुलसी निकेतन में किराये पर रहने आया था। उन्हें हर महीने 3,500 रुपये किराया और बिजली का बिल देना पड़ता था। किराना दुकान की मालकिन कमलेश देवी (50) ने बताया कि हादसे के वक्त उनका बेटा धीरज दुकान पर था। “वह दूध का पैकेट रखने के लिए अंदर गया था। इसी बीच बालकनी गिर गई। उसने मलबे से दोनों को निकालने की कोशिश की। जिसमें उसे हल्की चोटें आईं।”
फ्लैट मालिक और लापरवाही के आरोप
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गाजियाबाद के जिस फ्लैट की बालकनी गिरी। वह सबीना खान नामक महिला का है। जो खुद को ‘इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन’ की अध्यक्ष बताती थीं। उनके घर के बाहर इसी नाम के कई बोर्ड लगे मिले। हादसे के बाद खान और उनकी दोनों बेटियां घर छोड़कर चली गईं। उधर, हादसे के बाद भी मौके पर दुकान के सामने मलबे के ढेर और खून के धब्बे पड़े हुए हैं। घटनास्थल पर आसपास की महिलाएं और पुरुष एकत्र होकर परिवार के साथ दुख साझा कर रहे हैं। एफआईआर दर्ज, कार्रवाई शुरू
घटना के बाद शालीमार गार्डन के एसीपी अतुल कुमार सिंह ने जानकारी दी कि सबीना खान के खिलाफ BNS की धारा 290 (लापरवाही से भवन निर्माण से संबंधित अपराध) और 116(1) (गंभीर चोट) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर वंश के पिता देवेंद्र सिंह द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है “मैंने कई बार खान से बालकनी से टॉयलेट हटाने की मांग की थी, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। मेरे बेटे की जान इसी लापरवाही की वजह से गई।”