भाजपा नेता नवीन कुमार जिंदल ने अपने सोशल मीडिया ‘X’ अकाउंट पर यह वीडियो शेयर किया है। नवीन कुमार जिंदल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा “वीडियो पाकिस्तान उच्चायोग नई दिल्ली का है। यह शख्स वहां केक पहुंचाने जा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले की खुशी में भारत छोड़ने से पहले जश्न की तैयारी?” इसके बाद लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया है। हालांकि इससे पहले नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में भाजपा नेताओं समेत दिल्ली के तमाम लोगों ने पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में प्रदर्शन किया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने वहां से लोगों को हटा दिया था। समाचार एजेंसी IANS ने वीडियो अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया है। कैप्शन में लिखा है- पाक नागरिक को पाकिस्तान उच्चायोग में केक ले जाते देखा गया।
पाक अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश
भारत ने इस घटना के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि सार्क वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत अब किसी पाकिस्तानी नागरिक को भारत यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। पूर्व में जारी सभी SVES वीज़ा तत्काल प्रभाव से रद्द माने जाएंगे। साथ ही, नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया है। उन्हें भी एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा। राजनयिक संबंधों में बड़ी कटौती
भारत ने संकेत दिया है कि अब इस्लामाबाद में मौजूद अपने सैन्य सलाहकारों और पांच अन्य सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा। दोनों देशों के उच्चायोगों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या घटाकर 55 से 30 की जाएगी। जो 1 मई से लागू होगा। दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग के बाहर फिलहाल सन्नाटा पसरा है। सुरक्षा व्यवस्था में भी कटौती की गई है और अब वहां कोई सुरक्षाकर्मी नहीं दिख रहा है। आईएनएएस के अनुसार, गुरुवार को पाकिस्तानी उच्चायोग में केक मंगाया गया। हालांकि यह केक किसलिए मंगाया गया। इसपर पाकिस्तानी उच्चायोग की ओर से कोई जवाब सामने नहीं आया है। ऐसे में इसे पहलगाम आतंकी हमले से जोड़कर देखा जा रहा है।
CCS की आपात बैठक में साजिश पर चर्चा
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार शाम कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले की गहन समीक्षा की गई। इसमें बताया गया कि यह हमला सीमा पार से की गई साजिश का हिस्सा था। यह ऐसे समय में हुआ, जब जम्मू-कश्मीर में चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुए और क्षेत्र विकास की दिशा में अग्रसर था। बैठक में हमले की गंभीरता को देखते हुए कई सख्त निर्णय लिए गए और पाकिस्तान को सख्त संदेश देने पर सहमति बनी।