यहां जामा मस्जिद में नमाजियों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि बेगुनाहों के कत्ल को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। जिस तरह हिंदू-मुसलमान हो रहा, वह गलत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के जरिए जो दहशतगर्द हिंदुस्तान की सरहद दाखिल कराए गए, जिन्होंने मासूमों का कत्ल किया, उसे सही नहीं ठहराया जा सकता है। पाकिस्तान के इस कृत्य से भारत के करोड़ों मुसलमानों को शर्मिंदा होना पड़ता है। इसके चलते देश में नफरत का माहौल बढ़ता जा रहा है। देश के करोड़ों मुसलमानों को परेशानी क्या नहीं होगी, इसका जवाब क्या है पाकिस्तान के पास?
दिल चीर कर नहीं दिखा सकते
इमाम बुखारी ने कहा कि एक बार नवाज शरीफ से पूछा था कि वहां आपकी सरकार, यहां भाजपा की। बेहतर होगा कि हिंदुस्तान के साथ संबंध बेहतर करने की कोशिश कीजिए। हमें जिस हालात से गुजरना पड़ता है वह दिल चीर कर नहीं दिखा सकते। आप भारत की वजीर ए आजम से बात कीजिए, यहीं बात मैंने पाकिस्तान दौरे पर परवेज मुशर्रफ से की थी।
यह इस्लाम में नहीं
इमाम बुखारी ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन नहीं किया जा सकता। लोगों के कपड़े उतार कर हिंदू होने का पता किया गया। यह इस्लाम में नहीं। इसकी इजाज़त नहीं दी जा सकती। यह समय हिंदू-मुसलमान करने का नहीं बल्कि देश के लिए एक चट्टान की तरह खड़ा होने का है।
दहशतगर्द किसी मसले का हल नहीं
इमाम बुखारी ने कहा कि हमारे लिए भारत में मुश्किलात क्यों पैदा कर रहे हैं, करतूत लश्कर-ए-तैयबा से करते हैं, जेलों में भारत के मुसलमानों को डाला जाता है। पाकिस्तान का कंट्रोल आईएसआई के पास है जो हमारे लिए मुश्किल हालात पैदा करते हैं। जंग और दहशतगर्द किसी मसले का हल नहीं।
इंसानियत जिंदा है
उन्होंने कहा कि कश्मीर में चुन-चुनकर हिंदुओं को मारा गया। वहीं, एक मुसलमान आदिल जिसने देखा कि उसके घोड़े पर मेहमान सवार तो दहशतगर्दों से लोहा लिया और अपनी जान गंवाई। इसी तरह कश्मीरी आवाम की बात करूं तो उन्होंने अपने घरों में हिंदू मेहमानों को पनाह दी। उनके लिए व्यवस्था की। कश्मीरियों ने दहशतगर्दी के खिलाफ जुलूस निकाले। पर्यटकों को फ्री में एयरपोर्ट पहुंचाया। इंसानियत आज भी जिंदा है। हमारी हजारों साल पुरानी तारीख, तहजीब, जिसकी वजह से हम साथ है। उन्होंने कहा कि एक इंसान का कत्ल पूरी इंसानियत का कत्ल है।