सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने और क्या कहा?
बुधवार को अपने सोशल मीडिया ‘X’ अकाउंट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लिखा “भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के बेहद दर्दनाक हादसे पर बचकाना विज्ञापन छापकर साबित कर दिया है कि भाजपाइयों की संवेदना उनके प्रति शून्य है, जिन्होंने अपना जीवन खोया है और जिनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। भाजपा अब ये विज्ञापन हटवा भी देगी तो भी उसका ये पाप उसके कट्टर समर्थक तक माफ़ नहीं करेंगे। भाजपा हमेशा आपदा में अपनी सत्ता और सियासत के लिए अवसर ढूँढती है। भाजपा अपनी सत्ता के सिवा किसी की सगी नहीं है। घोर निंदनीय!” अखिलेश यादव ने लिखा “जब जम्मू-कश्मीर में भाजपा सरकार ने सब कुछ अपने मन मुताबिक़ किया है तो वो इतने अधिक लोगों की असामयिक मौत के लिए अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। ये केंद्र की सरकार की नाकामी है कि वो पहले से पता नहीं कर पायी कि देश के दुश्मन इतनी वीभत्स घटना को अंजाम देनेवाले हैं। ये कोई पहली बार नहीं हुआ है। भाजपा सरकार ने अगर पिछले हमलों से सबक लिया होता तो वो पहले से ही सचेत-सजग रहती और ऐसे हमलों को रोका जा सकता था, लोगों के जीवन को बचाया जा सकता था।”
देश की सुरक्षा को जुमला बनाने का आरोप लगाया
अखिलेश यादव ने आगे लिखा “संवेदनहीन भाजपाइयों से आग्रह है कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनका दुख-दर्द समझकर कम-से-कम देश की सुरक्षा को तो जुमला न बनाएं। ये असीम दुःख की घड़ी है, इसको भाजपाई दिखावटी बैठकों से और झूठी संवेदनाओं से झुठलाने का कुकृत्य न करें। भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों के खिलाफ देश भर के करोड़ों लोगों के मन में उठ रहा, ‘गहरे दुख, रोष और क्रोध से भरा’ ये आक्रोशित सवाल गलत नहीं है कि ‘अगर भाजपाई और उनके संगी-साथी देश भर के पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर के भ्रमण पर जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो उनकी सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध पहले से क्यों नहीं किये गये’?”
पहलगाम हमले को बताया भाजपा की रणनीतिक चूक
अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए लिखा “जहां हमला हुआ वो स्थान कोई निर्जन स्थान नहीं था बल्कि एक चर्चित पर्यटन स्थल था। तब ही तो वहां देश के कई प्रदेशों के पर्यटक उपस्थित थे। इतने प्रसिद्ध स्थान पर सुरक्षा के लिए बैठकें पहले करनी थी। लोगों के जीवन गंवाने के बाद नहीं। ये भाजपा सरकार की रणनीतिक चूक भी है लेकिन इससे उन भाजपाइयों को क्या फर्क पड़ता है। जो स्वयं तो सुरक्षा के कई घेरों में चलते हैं लेकिन देशवासियों को मौत के मुंह में ढकेल देते हैं। सुरक्षा बलों की संख्या घटाकर, दोयम दर्जे के सुरक्षा उपकरणों, अस्त्र-शस्त्र व युद्ध वाहनों को ख़रीदकर तथा अग्निवीर जैसी योजनाएं लाकर भाजपा देश की सुरक्षा से समझौता कर रही है।” अखिलेश यादव ने आगे लिखा “इस घटना के प्रतिशोध का कोई भी दावा, अब जनता को बहका नहीं सकता क्योंकि कोई भी प्रतिक्रिया, मृतकों के जीवन को वापस नहीं ला सकती है। जिस परिवार ने जो खो दिया, सो खो दिया। सच तो ये है कि न तो देश की आज़ादी में भाजपाई और उनके संगी-साथियों ने कोई योगदान दिया न वो देश की आज़ादी को बचाने में कोई योगदान दे रहे हैं। लाख माफ़ी माँगने पर भी भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों को न तो हमारे भारत देश का इतिहास माफ़ करेगा, न भविष्य। दुख की इस घड़ी में हमारी सच्ची संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है।”
अतीक और मुख्तार अंसारी की दिलाई याद
सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव के आरोपों पर बहस छिड़ गई है। अखिलेश यादव की पोस्ट पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। संदीप मिश्रा नाम के एक यूजर ने लिखा “आतंकियों की बात करने वाले मुख्तार और अतीक जैसे माफियाओं को अखिलेश यादव ने सिर्फ सरंक्षण ही नहीं दिया। बल्कि उन्हें टिकट देकर विधानसभा भेजा। जिस दौर में आम जनता डर के साये में जी रही थी, उस दौर में ये अपराधी वीआईपी ट्रीटमेंट पा रहे थे।” संदीप मिश्रा ने आगे लिखा “योगी सरकार ने जिस माफिया राज को नेस्तनाबूद किया, उसी को अखिलेश यादव फिर से सत्ता में लाना चाहते हैं। यही है सपा का असली वोटबैंक। गुंडे, माफिया, अपराधी और आज जब ये दोनों अपराधी जेल के अंदर खत्म हो गए हैं, तब अखिलेश उनकी मौत पर सवाल उठाकर माफिया प्रेम का सबूत दे रहे हैं। देश समझ गया है कि अखिलेश के लिए अपराधी ‘वोट’ हैं और जनता की सुरक्षा बस एक ‘जुमला’।”
अखिलेश के आरोपों पर भड़के सोशल मीडिया यूजर
अखिलेश यादव के आरोपों पर एक अन्य सोशल मीडिया यूजर दिल्ली निवासी कल्पना श्रीवास्तव ने लिखा “अखिलेश यादव जी, दुख की इस घड़ी में आपकी ओर से इस तरह की ओछी राजनीति देखकर बेहद निराशा हुई। जब पूरा देश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से आहत है, तब आप इस त्रासदी को अपनी सियासी रोटियां सेंकने का माध्यम बना रहे हैं। यह समय एकजुटता का है, न कि आधारहीन आरोप लगाने का। मोदी सरकार ने तुरंत इस हमले पर कड़ा संज्ञान लिया है। अमित शाह स्वयं जम्मू-कश्मीर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं, और NIA को जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।”