शोध के दौरान पाया गया है कि निकट-मृत्यु अनुभवों को महसूस करने वाले लोगों और शौक के लिए डीएमटी का सेवन करने वाले लोगों के अनुभवों में समानताएं हैं। यह दर्शाता है कि मृत्यु से पहले हमारा दिमाग अपने आप को इस रसायन से भर लेता है। ग्रीनविच यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर डेविड ल्यूक ने बताया कि इसके प्रमाण अभी सिर्फ जानवरों में देखे गए है, लेकिन इससे यह अनुमान लगाया जाता है कि यह इंसानों में भी होता है।