खामेनेई ईरान के सुप्रीम लीडर (Supreme Leader) हैं। सैन्य व्यवस्था से लेकर अर्थव्यवस्था तक पूरे देश में उनकी मंजूरी के बिना पत्ता तक नहीं हिलता। ईरान के सुप्रीम लीडर सशस्त्र बलों के कमांडर इन चीफ होते हैं। सुप्रीम लीडर ही ईरान की घरेलू और विदेश नीति तय करते हैं। 85 साल के खामेनेई को 1989 में ईरान के संस्थापक रूहोल्लाह खुमैनी की मृत्यु के बाद सुप्रीम लीडर चुना गया था। एक हादसे में एक हाथ और एक आंख की रोशनी गंवाने के बावजूद वह ईरान के सबसे ताकतवर व्यक्ति बने हुए हैं।
खामेनेई 1962 में मोहम्मद रेजा पहलवी के खिलाफ खुमैनी के आंदोलन में शामिल हुए। कई बार जेल भी जाना पड़ा। साल 1979 में इस्लामी क्रांति (Islamic Revolution) के बाद पहलवी के हटने के बाद अंतरिम सरकार बनी तो खामेनेई को इसमें जगह मिली। उप रक्षा मंत्री सहित कई अहम पद संभाले। एक अमरीकी रिपोर्ट के अनुसार खामेनेई के पास 200 बिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी है।
एक अमरीकी रिपोर्ट के अनुसार खामेनेई के पास 200 बिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी है। खामेनेई के कमाई का अधिकांश हिस्सा पेट्रोलियम और गैस की कंपनियों से आता है। इसके बाद उन्हें चंदा भी मिलता है।
सत्ता में आने के बाद से खामेनेई ने गाजा में हमास (Hamas), लेबनान में हिजबुल्लाह(Hezbollah) और इराक में हूती (Houthi ) आंदोलन को धार दी। इन विद्रोही गुटों के पीछे रहकर ईरान इस्लामी आंदोलन को आगे बढ़ाता रहा। इसी के चलते ईरानी शासन द्वारा समर्थित समूहों को कुचलने के लिए इजरायल ने हमले शुरू किए और तनाव बढ़ा।