वन मंत्री शर्मा ने सभी पेंशनरों की दीर्घायु एवं स्वस्थ रहने की कामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पेंशनरों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और उनकी सभी समस्याओं का हरसंभव समाधान करने का सकारात्मक प्रयास करती आ रही है। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स अनुभवी व्यक्ति होते हैं अतः केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में अपने आसपास के लोगों को जागरूक कर योजनाओं से लाभांवित कराने में सहयोग करें।
उन्होंने स्मारिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में 90 वर्ष से अधिक के 21 व्यक्तियों एवं 75 वर्ष से अधिक के 111 व्यक्तियों का माला पहनाकर व शॉल ओढाकर तथा बैग प्रदान कर सम्मान किया। पेंनशर समाज के जिला अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा ने पेंशनर समाज की गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। मंच संचालन करते हुए अशोक शर्मा व मिथलेश गुप्ता ने बताया कि पेंशनर समाज सामाजिक कार्यों में भी आगे रहता है।
अजमेर से आए पेंशन समाज के पदाधिकारी कश्मीर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के प्रतिनिधि वन मंत्री कुछ ही समय रूके यदि वो अधिक समय रूकते तो उनको पेंशनरों की समस्याएं बताते जिससे की वो सरकार तक पहुंचाई जा सके। लेकिन उनसे बात नहीं हुई इसका अफसोस है। सिंह ने बताया कि राजस्थान सरकार ने पेंशनरों के लिए जो आरजीएचएस की स्कीम लागू की है वह हितकारी नहीं बल्कि पेंशनर हरसमेंट स्कीम है। सरकार ने एक आदेश जारी कर फाॅलोअप मेडिसिन लेने के लिए ओपीडी में आकर फोटो खिंचवाने के लिए आदेश परेशान करने वाले हैं। 75 साल, 80 साल , 90 साल के पेंशनर, लकवा व चोटग्रस्त पेंशनर कैसे ओपीडी में आएंगे यह सोचने का विषय है। इस दौरान कश्मीर सिंह ने अपनी शायरी से पेंशनरों का खूब मनोरंजर किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसी भी मांग को सही तरह से पूरा नहीं किया है।
इस अवसर पर राजस्थान पेंशनर समाज के महामंत्री श्रीकिशन शर्मा, भरतपुर पेंशनर समाज के जिलाध्यक्ष डोरोली शर्मा, जयपुर के जिलाध्यकक्ष जी के मीणा, पुष्कर के जिलाध्यक्ष श्रीकांत पाराशर आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर 75 साल के 110 पेंशनर, 90 साल के 21 पेंशनर को प्रतीक चिंह देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही रामचरित मानस प्रतियोगिता के विजेता 12 पेंशनर, 6 भामाशाह व उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 8 पेंशनरों का सम्मान किया गया।