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साइबर गिरोह का मददगार इंडियन ओवरसीज बैंक का मैनेजर गिरफ्तार, साइबर ठगी की होल्डशुदा राशि निकासी में करता सहयोग

साइबर थाना पुलिस ने इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा जंक्शन के मैनेजर को किया गिरफ्तार, 60 खातों में 26 करोड़ रुपए के साइबर फ्रॉड का मामला, पूर्व में पांच जनों को पुलिस कर चुकी गिरफ्तार, उनमें से एक बैंक का संविदाकर्मी भी शामिल

हनुमानगढ़Feb 02, 2025 / 11:06 am

adrish khan

Manager of Indian Overseas Bank, who was helpful to cyber gang, arrested, helps in withdrawal of held amount of cyber fraud

Manager of Indian Overseas Bank, who was helpful to cyber gang, arrested, helps in withdrawal of held amount of cyber fraud

हनुमानगढ़. विभिन्न राज्यों में 60 खातों में करीब 26 करोड़ रुपए की साइबर ठगी करने वाले गिरोह की मदद के आरोप में साइबर थाना पुलिस ने शनिवार को बैंक मैनेजर को गिरफ्तार किया। साइबर ठगी की जिस राशि को पुलिस व परिवादी होल्ड करवाते थे, बैंक मैनेजर उस राशि से ग्राहक को बिना बताए उसका बीमा कर देता था। इसके अलावा होल्डशुदा राशि को विड्रोल करवाने में भी नियम कायदों का उल्लंघन कर गिरोह का सहयोग करने का आरोप है। साइबर थाना पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ कर 29 जनवरी को पांच जनों को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में बैंक मैनेजर व कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका सामने आई थी।
एसपी अरशद अली ने बताया कि गिरोह के पांचों सदस्यों से पूछताछ व पड़ताल के बाद इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा जंक्शन के मैनेजर सोनू वर्मा पुुत्र कृष्ण कुमार वर्मा निवासी अनूपशहर पीएस भादरा को गिरफ्तार किया गया है। उससे साइबर ठगी के पैसों की निकासी वगैरह में अन्य की भूमिका को लेकर पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है कि साइबर क्राइम पोर्टल पर प्राप्त परिवादों की पुलिस पड़ताल में सामने आया था कि देश के विभिन्न राज्यों में दर्ज 66 परिवादों में हनुमानगढ़ क्षेत्र के 60 खातों में लगभग 26 करोड़ रुपए की साइबर फ्रॉड की राशि जमा हुई थी। इस प्रकरण में पुलिस आकाशदीप (28) पुत्र कर्मजीत सिंह जटसिख निवासी चक 1 आरबी, वीपीओ फकीरवाली पीएस पदमपुर, आदित्य वाल्मीकि (23) पुत्र नवरंग लाल निवासी जीजीएस स्कूल के पीछे जंक्शन, जाकिर हुसैन (30) पुत्र जानी मोहम्मद छिम्पा निवासी वार्ड 44, बरकत कॉलोनी टाउन, कैलाश खीचड़ (26) पुत्र दौलतराम निवासी वार्ड चार पक्का सारणा तथा निर्देश बिश्नोई (27) पुत्र अजयपाल निवासी वार्ड सात, अबोहर बस स्टैण्ड के पीछे, संगरिया को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी अभी पुलिस रिमांड पर हैं।

मैनेजर की क्या भूमिका

आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि बैंक मैनेजर सोनू वर्मा ने बैंक में कस्टमर की उपस्थिति के बिना ही आरोपी आदित्य वाल्मीकि से फार्म भरवा कर फर्जी फर्म के नाम से करंट/कॉर्पोरेट खाता खोला। साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज शिकायतों में हॉल्डशुदा राशि को विड्रोल करवाने में सहयोग किया। साथ ही हॉल्डशुदा राशि में से अन्य लोगों के इंश्योरेंस किए।

गिरोह यूं करता काम

पुलिस के अनुसार आरोपी इन्वेस्टमेंट फ्रॉड (फर्जी ट्रेडिंग एप बनाकर टेलीग्राम के जरिए लोगों से सम्पर्क कर शेयर मार्केट पर पैसा लगाने का झांसा देना), अवैध गैमिंग, क्रिप्टोकरंसी फ्रॉड आदि की राशि को म्यूल/फर्जी बैंक खातों में लेकर कैश के रूप में निकलवा कर गिरोह के अन्य सदस्यों में बांट देते थे। इसमें बैंक कर्मियों की ओर से अकांउट ओपनिंग, नेट बैंकिंग एवं कैश निकासी में जालसाजी कर साइबर ठगों की सहायता करना सामने आया था। गिरोह से जुड़े आरोपी आदित्य वाल्मीकि के परिजन बैंक में काम करते थे। इसलिए उसका बैंकों में आना-जाना था। गिरोह के सदस्य बैंक कर्मियों की मिलीभगत से बैंक खाते खुलवाकर राशि मंगवाते थे।

फर्जी फर्म का पंजीयन

पुलिस के अनुसार साइबर ठग गिरोह के सदस्यों ने भारत सरकार के उद्यम पोर्टल पर फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन किया। इसके बाद नशेड़ी प्रवृत्ति तथा पैसों का लालच देकर लोगों के कागजात से विभिन्न बैंकों में बैंक खाते खुलवा लेते थे। बैंक की पास बुक, एटीएम, चेक बुक, सिम कार्ड व हस्ताक्षरशुदा चेक अपने पास रख लेते थे। फिर उन बैंक खातों में साइबर ठगी की राशि आने पर हस्ताक्षरशुदा चेक से निकाल लेते।

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