जंगल से जिंदगी
एक हरे-भरे जंगल में सभी जानवर एक महत्त्वपूर्ण बैठक के लिए एकत्र हुए। शेर जंगल का राजा चिंतित था। उसने कहा, हमारे जंगल में एक नई चुनौती आई है। मनुष्य हमारी जमीन कम कर रहे हैं, हमें कुछ करना होगा! बंदर, जो हमेशा चतुर योजनाएं बनाता था। वह बोला, हमें एकजुट होकर इसका हल निकालना होगा। हाथी ने अपनी सूंड हिलाकर कहा, अगर हम साथ मिलकर काम करें, तो कोई भी हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
सभी जानवर सोच में पड़ गए। तभी एक नन्ही गिलहरी बोली, अगर हम सब अपने-अपने तरीके से मदद करें, तो जंगल को बचाया जा सकता है! हिरण ने सुझाव दिया कि वे पेड़ों को बचाने के लिए मनुष्यों तक संदेश पहुंचाएं। तोते और चिडिय़ां संदेश फैलाने लगीं, भालू और हाथी ने जंगल के किनारे एक बड़ा बोर्ड लगाया, जिस पर लिखा था। कृपया जंगल को न काटें, यह हमारा घर है! ये इंसानों के लिए भी जरूरी हैं। धीरे-धीरे इंसानों को समझ आया कि वे जानवरों का घर उजाड़ रहे हैं। उन्होंने पेड़ों को काटना बंद कर दिया और जंगल को बचाने का वादा किया। सभी जानवर खुशी से झूम उठे। शेर ने गर्व से कहा, जब हम सब एक साथ होते हैं, तो कोई भी मुश्किल हमें हरा नहीं सकती! सीख- एकता में शक्ति होती है, और मिलकर किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है।
कनिष्क साहू, उम्र-13वर्ष
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एकता में ताकत
एक घने जंगल में जहां ऊंचे-ऊंचे पेड़ थे और रंग-बिरंगे फूल खिले थे, वहां कई जानवर रहते थे। हाथी, शेर, जिराफ , बंदर, चूहा, गिलहरी और कई अन्य। ये सभी जानवर एक-दूसरे से बिलकुल अलग थे, पर उनमें एक बात समान थी, वे सब दोस्त थे। एक दिन जंगल में तेज आंधी आई और सब कुछ तहस-नहस हो गया। काफी पेड़ उखड़ गए। पक्षियों के घोंसले उड़ गए और जानवरों के घर भी बिगड़ गए। सब जानवर बहुत दुखी थे। वे सोच रहे थे कि अब क्या करें। हाथी ने अपनी सूंड उठाई और कहा, दोस्तों, हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। हम सब मिलकर अपने जंगल को फिर से सुंदर बना सकते हैं। शेर ने अपनी दहाड़ से सबको शांत किया और कहा, हां, हाथी सही कह रहा है। हम सब मिलकर काम करेंगे और अपने जंगल को पहले जैसा बना लेंगे। बंदर ने फुर्ती दिखाते हुए टूटी हुई डालियां बटोरी।
जिराफ ने अपनी लंबी गर्दन से ऊंचे पेड़ों की टहनियां ठीक कीं। मेंढक ने पानी की व्यवस्था की और सब जानवरों को पानी पिलाया। सब जानवरों ने मिलकर दिन-रात मेहनत की। उन्होंने टूटे हुए घरों को ठीक किया, नए पेड़ लगाए और पक्षियों के लिए नए घोंसले बनाए। कु छ ही दिन में जंगल फिर से हरा-भरा हो गया। सब जानवर बहुत खुश थे। उस दिन उन्हें समझ में आया कि एकता में कितनी ताकत होती है। उन्होंने यह भी सीखा कि दोस्ती हर मुश्किल को आसान बना देती है। सब जानवर एक-दूसरे के साथ मिलकर रहने लगे और हमेशा एक-दूसरे की मदद करते रहे।
शिवम वैष्णव, उम्र-13वर्ष
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फिर छा गई हरियाली
एक दिन जंगल में सूखा पड़ा। सभी जानवर पानी की तलाश में भटक रहे थे। बंदर एक ऊंचे पेड़ पर चढ़कर दूर दूर तक देखा लेकिन पानी का कोई नामोनिशान नहीं मिला। पक्षी दूर तक उड़े और फिर आखिरकर एक छोटा सा तालाब दिखा। सभी जानवर वहां पहुंचे और उस तालाब को साफ किया। तभी अचानक से बारिश आ गई और तालाब भर गया। सभी खुश गए और झूमने लगे। इस तरह जंगल में फिर से हरियाली लौट आई। सभी जानवर खुश थे और तालाब के पास खेलने लगे। सभी को यह बात समझ में आ गई कि पानी का कितना महत्त्व है और पेयजल स्रोतों की देखभाल करते रहना चाहिए।
वैभवी धाकेर, उम्र-12वर्ष
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दोस्ती का पुल
एक हरे-भरे जंगल में सभी जानवर आपस में मिल-जुलकर रहते थे। जंगल में शेर, हाथी, जिराफ, बंदर, मेंढक, गेंडा, चूहा और कई अन्य जानवर थे। सभी बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे की मदद करते थे। एक दिन जंगल में एक बड़ी समस्या आ गई। नदी के किनारे का पुल टूट गया था, जिससे जंगल के इस ओर रहने वाले जानवर दूसरी ओर नहीं जा पा रहे थे। नदी के उस पार मीठे फल और हरी-भरी घास थी, जिसे खाने के लिए सभी जानवर जाया करते थे। अब सवाल यह था कि पुल को कैसे ठीक किया जाए?
हाथी ने अपनी सूंड से बड़े-बड़े लकड़ी के तने उठाए, जिराफ ने अपनी लंबी गर्दन से उन्हें सही जगह पर रखा, शेर और गेंडे ने अपने मजबूत पंजों से उन्हें ठीक से जमाने में मदद की और बंदर ने अपनी फुर्ती से रस्सियों को कसकर बांधा। छोटे जानवर जैसे चूहा और मेंढक भी मदद कर रहे थे, वे पुल के नीचे से जाकर उसकी मजबूती जांच रहे थे। कड़ी मेहनत और सबकी एकता से नया पुल बन गया! अब सभी जानवर खुशी-खुशी नदी के उस पार जाकर स्वादिष्ट फल खा सकते थे। इस घटना के बाद सभी जानवरों को यह समझ में आ गया कि अगर एकजुट होकर काम करें, तो कोई मुश्किल बड़ी नहीं होती। जंगल में फिर से खुशी लौट आई और सभी जानवर पहले से भी ज्यादा अच्छे दोस्त बन गए। सीख- एकता में शक्ति होती है।
युवराज सिंह चौहान, उम्र-13वर्ष
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जंगल की अनोखी सभा
एक घने जंगल में जानवरों की एक बड़ी सभा बुलाई गई। जंगल के राजा शेर ने सभी को बुलाकर कहा, हमारे जंगल में हमेशा शांति और भाईचारा रहना चाहिए। हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। सभा में हाथी, जिराफ, बंदर, मगरमच्छ, मेंढक, कछुआ, तोता और कई अन्य जानवर आए थे। जिराफ ने ऊंचा सिर उठाकर कहा, हम सब अगर एक-दूसरे के गुणों को अपनाएं, तो हमारा जीवन और भी अच्छा बन सकता है।
बंदर पेड़ की टहनी पर उछलते हुए बोला, मुझे तो सबकी मदद करने में मजा आता है! हम मिलकर जंगल को और सुंदर बना सकते हैं। इस पर हाथी ने सूंड उठाई और कहा, अगर हम सब मिलकर जंगल को स्वच्छ रखें, तो हम बीमारियों से भी बच सकते हैं। शेर ने सबकी बातें सुनीं और खुश होकर कहा, आज से हम सब मिलकर अपने जंगल की रक्षा करेंगे और एक-दूसरे की मदद करेंगे। सब जानवर खुशी-खुशी सभा से लौटे और जंगल में एकता की मिसाल कायम हो गई।
हर्षुल मीना, उम्र-7वर्ष
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बुद्धि की शक्ति
एक दिन जंगल के सारे जानवरों में बात चली कि क्या हमारे जंगल में कोई ऐसा जानवर है, जो हमारे घमंडी राजा का घमंड चकनाचूर कर सकता है? यह बात सुनकर सभी जानवर निराशाजनक भाव से देखने लगे। कुछ समय पश्चात एक बुद्धिमान मेंढक वहां आया और उसने कहा कि मैं तुम्हारे राजा का घमंड चकनाचूर करूंगा। उसकी यह बात सुनकर सभी जानवर हंसने लगे और तब उसके पीछे से एक चूहे की आवाज आई, तुम चाहे कुछ भी कर लो किंतु हमारे राजा का घमंड चकनाचूर नहीं कर पाओगे। मेंढक ने उन्हें कहा, अगर आप सब उचित समझें तो क्या मैं राजा जी से एक बार भेंट कर सकता हूं? हिरन ने उसे बोला हम सबको कोई आपत्ति नहीं है किंतु यदि तुम्हें हमारे राजा ने खा लिया तो हमारी आखिरी उम्मीद पर भी पानी फिर जाएगा। यदि ऐसा है, तो मैं एक तरकीब के साथ तुम्हारे राजा के समक्ष जाऊंगा।
कुछ समय पश्चात उसकी तरकीब तैयार हो गई। वह उस तरकीब के साथ राजा के समक्ष गया तो राजा उससे बहुत प्रसन्न हुआ। राजा का घमंड यह था कि उसे अपनी प्रशंसा सुनना बहुत अच्छा लगता था। मेंढक ने उसके सामने उसकी इतनी प्रशंसा की कि राजा प्रसन्न हो गया और प्रशंसा के भीतर उसे समझ आ गया कि उसे जो अच्छा लगता है जरूरी नहीं है कि वह सबको अच्छा लगे। राजा को यह बात समझ आ गई कि उसकी प्रजा उससे नाराज है। राजा ने अपना व्यवहार बदला और वह अब घमंड नहीं करता था। सभी जंगल के जानवरों ने मेंढक को बहुत बार धन्यवाद बोला और उससे माफी मांगी कि हमें कभी भी किसी को उसके कद के आधार पर नहीं देखना चाहिए अपितु हमें उसकी बुद्धि की क्षमता पर कोई निर्णय लेना चाहिए। यह कहकर सभी जानवर हंसने लगे और उनका जीवन खुशी-खुशी व्यतीत हुआ।
प्रगति सोनी, उम्र-13वर्ष
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जंगल का सबसे अच्छा राजा
हरे-भरे जंगल में एक दिन सभी जानवरों की एक सभा बुलाई गई। जंगल के पुराने राजा, शेर सिंह अब बूढ़े हो चुके थे और उन्हें नए राजा की जरूरत थी। लेकिन सवाल यह था कि नया राजा कौन बनेगा? बंदर बोला, मुझे चुना जाए क्योंकि मैं सबसे चतुर हूं! हाथी ने अपनी सूंड उठाकर कहा, मैं सबसे ताकतवर हूं, इसलिए मुझे राजा होना चाहिए! चीता बोला, मैं सबसे तेज दौड़ सकता हूं, इसलिए जंगल की रक्षा अच्छी तरह से कर सकता हूं!
सभी जानवर अपने-अपने गुणों के बारे में बताने लगे। तभी एक छोटे मेंढक ने कहा, लेकिन असली राजा तो वह होना चाहिए जो सबसे बुद्धिमान और दयालु हो! यह सुनकर शेर सिंह ने एक परीक्षा रखने का फैसला किया। उन्होंने कहा, जो भी इस जंगल की सबसे अच्छी मदद करेगा, वही राजा बनेगा! सब जानवर अपने-अपने तरीके से मदद करने लगे।
हाथी ने नदी में पुल बनाया, चीते ने बीमार हिरण के लिए खाने का इंतजाम किया। लेकिन सबसे अनोखा काम कछुए ने किया। उसने धीरे-धीरे घूम-घूमकर हर जानवर की जरूरतों को समझा और सभी को साथ मिलकर काम करने की सलाह दी। शेर सिंह बहुत खुश हुए और बोले, सच्चा राजा वही होता है जो सबको एक साथ लेकर चले। इसलिए आज से इस जंगल का राजा कछुआ होगा! सभी जानवर तालियां बजाने लगे और कछुए को बधाई दी। जंगल में खुशी और शांति फैल गई। शिक्षा- सच्चा नेता वही होता है जो न केवल बुद्धिमान हो, बल्कि सभी को साथ लेकर चले!
पर्णवी अग्रवाल, उम्र-9वर्ष
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जंगल की कहानी
एक बार की बात है एक हरे-भरे जंगल में जानवरों का एक समूह रहता था। इसमें एक चंचल बंदर, एक लंबा जिराफ, एक बुद्धिमान हाथी, एक मजबूत शेर, एक क्रोधी दरियाई घोड़ा, एक चालाक लोमड़ी, एक डरपोक बिल्ली, एक जीवंत मेंढक और एक चहकती चिडिय़ा थी। वे सभी एक साथ सद्भाव से रहते थे। जंगल के संसाधनों को साझा करते थे और जरूरत पडऩे पर एक-दूसरे की मदद करते थे। एक दिन जंगल में भयंकर तूफान आया। जानवर डर गए ।
जब तूफान आखिरकार गुजर गया, तो वे अपने आश्रयों से बाहर निकले और पाया कि उनका प्यारा जंगल बर्बाद हो गया है। पेड़ उखड़ गए थे, उनके घर नष्ट हो गए थे और नदी के किनारे बाढ़ आ गई थी। जानवर हताश हो गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। लेकिन बुद्धिमान हाथी आगे बढ़ा और बोला, हमें अपना घर फिर से बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। शेर ने सहमति जताई, हम एक साथ मजबूत हैं और हम इस चुनौती को पार कर सकते हैं। सभी जानवरों ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया। बंदर और जिराफ ने अपनी ऊंचाई का इस्तेमाल ऊंची शाखाओं तक पहुंचने और फल और मेवे इका करने के लिए किया। हाथी ने अपनी ताकत का इस्तेमाल गिरे हुए पेड़ों को हटाने में किया। दरियाई घोड़े ने नदी के किनारों को साफ करने में मदद की। लोमड़ी, बिल्ली, मेंढक और पक्षी ने अपने-अपने तरीके से मदद की। काम करते हुए उन्होंने एक-दूसरे को प्रोत्साहित किया। उन्होंने सीखा कि विपरीत परिस्थितियों में भी, जब तक वे एक साथ काम करते हैं, वे कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
माधव, उम्र-13वर्ष
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मित्रता और दुश्मन
एक बार की बात है एक जंगल था। उसे जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे। सभी जानवर खरगोश, कुत्ते और मेंढक का मजाक उड़ाते थे। उन्हें कमजोर कहते थे। एक दिन उन्हें इस बात पर गुस्सा आ गया और उन्होंने बोला हम तुमसे भी अच्छी सेहत बन सकते हैं, लेकिन हम बनाते नहीं हैं।
उन्होंने कहा अगर हमने सेहत बना ली तो 7 दिन तुम सबको हमेशा हमारे सामने सर झुका कर रहना होगा और अगर हम नहीं बना पाए तो हम इस जंगल को छोड़कर चले जाएंगे। सारे जानवर मान गए। 7 दिनों में उन तीनों ने बहुत मेहनत की और सभी जानवर उन्हें देखते ही रह गए। उन्होंने जब देखा कि उनकी सेहत इतनी अच्छी हो गई कि उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। शिक्षा-हम मेहनत कर के कुछ भी कर सकते हैं और दूसरों का मजाक किसी भी बात को लेकर नहीं बनाना चाहिए।
दिव्यांशी लोधा, उम्र-11वर्ष
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शेर का जन्मदिन
एक बार एक बहुत बड़ा और घना जंगल था। उस जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे, वहां पर एक शेर था उस शेर का आज जन्मदिन था। वह हाथी के घर जाकर उसे बोलता है आज मेरा जन्मदिन है और मैं आज सबको दावत दे रहा हूं तुम भी आना । शेर ने खरगोश,मेंढक,कछुआ, हिरन, बाघ, बंदर, चिडिय़ा, गिलहरी, दरियाई घोड़ा, शुतुरमुर्ग आदि सभी जानवरों को निमंत्रण दिया।
दिन में सभी जानवर उसके घर आते है और शेर को जन्मदिन की बधाई व उपहार देते हैं और साथ में खाना खाते हैं। फिर शेर उन सबको को जंगल की सैर करने ले जाता है। वह सभी पहाड़ पर चढ़कर पूरे जंगल को देखते हैं। फिर झील के किनारे हरे भरे मैदानों वाली जगह पर पिकनिक मनाते हैं और वहां पर सभी जानवर शेर को उसके जन्मदिन का केक कटवाते है और शेर सभी जानवरों को धन्यवाद देता है । शाम को सभी अपने घरों की तरफ लौट जाते है । शेर आज बहुत खुश था क्योंकि उसका जन्मदिन बहुत ही अच्छा मनाया गया। सीख- हमें हर चीज मिल जुल कर करनी चाहिए, जिससे खुशियां दोगुनी हो जाती हैं।
ऋतिका सिंवर, उम्र-10वर्ष
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शेर और शेरनी की शादी
एक वन में बहुत से जानवर रहते थे। हाथी बिल्ली शेर हिरण और भी बहुत से जानवर रहते थे। वह मिलजुल कर हंसते खेलते दोस्तों की तरह रहते थे। एक बार जंगल में बहुत तेज तूफान आया। उस तूफान के अंदर सभी जानवर इधर-उधर भागने लगे। शेर ने देखा कि सभी जानवर है तो उधर भाग रहे हैं। तभी शेर हाथी के पास गया और यह बात हाथी को बताई की सभी जानवर है, जो उधर भाग रहे है। हाथी और शेर दोनों जंगल में गए और उनसे कहा कि इधर-उधर भागने से कु छ भी नहीं होगा। हमें एक दूसरे का साथ देकर अपने-अपने घरों को बचाना होगा।
सभी जानवरों ने कहा कि हाथी और शेर दोनों सही कर रहे हैं। सभी जानवरों ने एक दूसरे को साथ देकर अपने-अपने घरों को बचाया। तूफान खत्म होने पर सभी जानवर अपने-अपने घर सुरक्षित देखकर बहुत खुश हुए। हाथी ने कहा अगर हम सब एक दूसरे का साथ नहीं देते तो हमारे घर नहीं बचते। कुछ दिनों बाद जंगल का राजा शेर एक जंगल की सैर पर गया। शेर ने देखा कि एक शेरनी जंगल के बीचों-बीच घायल पड़ी हुई है। शेर उसके पास गया और उससे कहा कि तुम यहां घायल कैसे हुई? शेरनी ने बताया कि मैं यहां से गुजर रही थी तभी मेरे ऊपर एक पत्थर गिर गया। जब मैंने उस पत्थर को उठाया तो मैं बहुत घायल हो चुकी थी। शेर ने उसके घाव पर दवाई लगाई। फिर शेर उसको सभी जानवरों के पास ले गया। शेर ने उनको पूरी बात बताई। शेरनी बहुत अच्छी थी। ठीक होने के बाद उसने जंगल में सभी जानवरों के लिए कई अच्छे काम किए। उनकी मदद करती। यह देख सभी जानवरों ने शेर और शेरनी की शादी करवाने की बात कही। शेर मान गया। फिर धूमधाम से शादी हुई। सब खुशी-खुशी रहने लगे।
दिव्यांशी गोठवाल, उम्र-12वर्ष