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किड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 24 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

किड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 24

जयपुरApr 11, 2025 / 10:05 am

sangita chaturvedi

किड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 24

किड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 24

परिवार परिशिष्ट (02 अप्रेल 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 24 में भेजी गई कहानियों में सिया पाठक, मनदीप मल्होत्रा और जैस्मीन बानो क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता रहे। इनके साथ सराहनीय कहानियां भी दी जा रही हैं।
जंगल की सैर
एक बार की बात है, दो सहेलियां सिया और शिव्या छुट्टियों में अपने नाना-नानी के गांव आईं। गांव बहुत ही सुंदर और शांत था। वहां की हरियाली और खुला वातावरण देखकर वे बहुत खुश थीं। एक दिन सुबह-सुबह दोनों सहेलियां गांव के पास के जंगल में घूमने निकलीं। चलते-चलते उन्हें एक अजीब नजारा दिखा। एक आदमी जो रंग-बिरंगे कपड़े और बड़ी लाल टोपी पहने था, घोड़े पर सवार होकर जंगल की ओर आ रहा था।
उसके पास एक लकड़ी की बंदूक भी थी, लेकिन वह देखने में बहुत ही मजाकिया और दोस्ताना लग रहा था। सिया और शिव्या थोड़ी घबराईं, लेकिन वह आदमी मुस्कुराते हुए उनके पास आया और बोला, डरो मत बच्चियों, मैं जंगल का रक्षक हूं। यहां जानवरों की सुरक्षा करता हूं। तुम लोग यहां क्या कर रही हो? शिव्या बोली हम तो बस घूमने आए हैं। आदमी हंसते हुए बोला, तो आओ, मैं तुम्हें जंगल के बारे में कुछ मजेदार बातें बताता हूं। फिर वह उन्हें जंगल के जानवरों की कहानियां सुनाने लगा और यह भी बताया कि कैसे हमें प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए। सिया और शिव्या को यह सैर बहुत मजेदार लगी। शाम को जब वे घर लौटीं, तो उन्होंने अपने माता-पिता को जंगल के रक्षक के बारे में बताया। सभी ने तय किया कि अगली बार गांव आने पर वे फिर से जंगल की सैर करेंगे। सीख- हमें प्रकृति और जानवरों की रक्षा करनी चाहिए और नए अनुभवों से डरना नहीं चाहिए।
सिया पाठक, उम्र-8वर्ष
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शिकारी और दो लड़कियां
एक बार की बात है, दो लड़कियां जिनका नाम रमा और किट्टू था। एक दिन वे दोनों जंगल से घर जा रही थीं। बीच रास्ते में उनकी मुलाकात एक आदमी से हुई जो शिकार करने जा रहा था। उसने लड़कियों से पूछा, तुम दोनों का नाम क्या है? लड़कियों ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, हमारा नाम रमा और किट्टू है। फिर उन्होंने जानना चाहा कि वह आदमी किसका शिकार करने जा रहा है। शिकारी ने बड़ी गंभीरता से कहा, मैं शेर का शिकार करने जा रहा हूं। यह सुनकर रमा और किट्टू थोड़ी चिंतित हो गईं। उन्होंने शिकारी से कहा, शिकारी भाई आप शेर का शिकार मत कीजिए।
हमारी अध्यापिका ने हमें बताया है कि यह बहुत बुरा है। शेर और अन्य पशु हमारे जंगल के मित्र होते हैं और उनका शिकार करना एक अपराध है। अगर हम उन्हें नुकसान पहुंचाएंगे तो जंगल में संतुलन बिगड़ जाएगा और सभी जीवों को दिक्कत होगी। शिकारी को लड़कियों की बातों ने झकझोर दिया। वह चुपचाप खड़ा हो गया और कुछ देर सोचने लगा। रमा और किट्टू ने उसे और भी समझाया, जंगल में सभी जीवों का अपना महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। अगर हम सभी को मार देंगे तो जंगल में कोई नहीं रहेगा। और फिर हमारे आने-जाने के रास्ते भी खतरे में पड़ सकते हैं।
शिकारी ने लड़कियों की बातें सुनकर सिर झुका लिया और कहा, तुम दोनों ने सही कहा। मुझे पशुओं का शिकार नहीं करना चाहिए। मुझे अब अपनी पुरानी आदतों को छोड़ देना चाहिए और जंगल के जानवरों को भी उनका जीवन जीने का हक देना चाहिए। इस तरह शिकारी ने अपनी गलतियों को समझा और शिकार करना छोड़ दिया। उसने लड़कियों से वादा किया कि अब से वह किसी भी जानवर का शिकार नहीं करेगा। रमा और किट्टू ने शिकारी का धन्यवाद किया और खुशी-खुशी अपने घर की ओर चल पड़ीं। सीख- पशुओं का शिकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे प्राकृतिक संतुलन के लिए भी हानिकारक होता है। हमें सभी जीवों के साथ प्रेम और सम्मान से रहना चाहिए।
मनदीप मल्होत्रा , उम्र-7वर्ष
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बच्चों की खुशी
एक दिन की बात है दो लड़कियां खेल रही थीं। एक का नाम था चिंकी और दूसरी का नाम था रिंकी। दोनों बहुत अच्छी सहेलियां थीं। वो दोनों हमेशा साथ में खेलती थीं। एक दिन खेलते-खेलते उन्होंने देखा कि पास में एक घोड़ा खड़ा था। उसके ऊपर एक आदमी बैठा था। तभी चिंकी ने रिंकी से बोला, मुझे भी घोड़े पर बैठना है। रिंकी बोली, तेरे पास पैसे हैं? चिंकी बोली, नहीं, मेरे पास पैसे नहीं हैं। तब रिंकी बोली, मेरे पास भी नहीं है।
अब कैसे बैठेंगे? चिंकी बोली, मुझे तो घोड़े पर बैठना ही है, चाहे कुछ भी हो। रिंकी बोली, ठीक है, रो मत, चुप हो जा, मैं कुछ करती हूं। रिंकी घोड़े के मालिक के पास गई और कहने लगी अंकल, आप हमें घोड़े पर बैठा सकते हो क्या? क्यों नहीं, जरूर, बैठो अंकल ने जवाब दिया। रिंकी बोली, लेकिन हमारे पास पैसे नहीं हैं। मालिक बोला, कोई बात नहीं, तुम्हारी ख़ुशी के लिए यह भी मंज़ूर। रिंकी ने अंकल को थैंक्यू कहा और चिंकी को आवाज दी आ जा, बात बन गई। चिंकी ने भी अंकल को धन्यवाद कहा और दोनों घोड़े पर बैठीं और बहुत घूमीं और ख़ूब ख़ुशियां मनाईं। सीख-बच्चों की खुशी अनमोल होती है। यह बात सबको समझनी चाहिए।
जैस्मीन बानो, उम्र-11वर्ष
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जंगल की मजेदार यात्रा
एक दिन तीन बच्चे रोहन, आर्यन और आरव जंगल में घूमने निकले। रोहन एक घोड़े पर सवार था, जिसका नाम उसने शांति रखा था। आर्यन और आरव पैदल चल रहे थे। जैसे ही वे जंगल में गहराई में गए, उन्होंने एक सुंदर झरना देखा। रोहन ने शांति को झरने की ओर मोड़ा और आर्यन तथा आरव उसके पीछे-पीछे चल दिए। जब वे झरने के पास पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि झरने के पीछे एक गुफा है। आर्यन ने कहा, चलो, इस गुफा के अंदर जाकर देखते हैं।
आरव ने कहा, हां यह मजेदार होगा। रोहन ने शांति को रोका और कहा, ठीक है, चलो अंदर जाते हैं। लेकिन सावधानी से चलना। वे तीनों गुफा के अंदर गए। अंदर उन्होंने एक सुंदर क्रिस्टल देखा, जो झरने के पानी से चमक रहा था। आर्यन ने कहा, वाह, यह तो बहुत सुंदर है। आरव ने कहा, हां, यह जंगल की सबसे सुंदर चीज है। रोहन ने कहा, हां और यह हमारी यात्रा का सबसे अच्छा हिस्सा है। वे तीनों कुछ देर तक उस क्रिस्टल को देखते रहे और फिर वे वापस जंगल से बाहर निकल गए। जब वे घर पहुंचे, तो उन्होंने अपने माता-पिता को अपनी मजेदार यात्रा के बारे में बताया। उनके माता-पिता ने उन्हें बहुत प्यार से सुना और कहा हमें तुम्हारी यात्रा के बारे में सुनकर बहुत खुशी हुई। इस तरह, रोहन, आर्यन और आरव ने अपनी जंगल की मजेदार यात्रा का आनंद लिया।
मोहम्मद आलिम, उम्र-13वर्ष
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वीरू का अनोखा सफर
एक दिन वीरू ने अपनी प्यारी घोड़ी चमेली के साथ जंगल की सैर करने का फैसला किया। वह बड़े जोश के साथ अपनी टोपी पहनकर और बंदूक लटकाकर निकल पड़ा। वीरू को हमेशा रोमांचक सफर पसंद था। रास्ते में उसे दो लड़कियां मिलीं- नीना और रीना। नीना लाल फ्रॅाक में थी और रीना पीले कपड़ों में उसके हाथ में एक तकिया था। वे दोनों हंसते-खेलते आपस में बातें कर रही थीं। वीरू को देखकर नीना बोली, अरे वीरू!
तुम तो बिल्कुल राजा की तरह लग रहे हो। कहां जा रहे हो? वीरू ने गर्व से कहा, मैं जंगल में नया किला बनाने जा रहा हूं, जहां सब बच्चे मजे कर सकें। रीना हंसकर बोली, तो हमें भी अपने किले में जगह दोगे? वीरू ने सोचा और फिर मुस्कुराकर बोला, बिल्कुल! लेकिन पहले तुम्हें मेरी घोड़ी चमेली को गाजर खिलानी होगी। नीना और रीना ने खुशी-खुशी चमेली को गाजर दी और फिर तीनों दोस्त एक नए रोमांचक सफर पर निकल पड़े।
कुणाल चौधरी, उम्र-11वर्ष
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छोटा काउबॉय और उसके दोस्त
एक सुनहरी दोपहर छोटे से गांव में रोहन नाम का लड़का काउबॉय की तरह तैयार हुआ। उसने एक नारंगी टोपी पहनी, बैंगनी रंग की शर्ट डाली और अपनी पीठ पर एक खिलौना बंदूक टांग ली। वह अपने प्यारे लकड़ी के घोड़े पर सवार होकर हरे-भरे मैदानों में रोमांच की तलाश में निकल पड़ा। घूमते-घूमते उसने अपने दो अच्छे दोस्तों, मीरा और अंजलि को एक पेड़ के पास खेलते हुए देखा। मीरा अपनी चोटियों को खुशी-खुशी घुमा रही थी, जबकि अंजलि ने अपने हाथ में एक खूबसूरती से लपेटा हुआ तोहफा पकड़ा हुआ था।
दोनों हंस रही थीं और मस्ती कर रही थीं। रोहन घोड़ा दौड़ाते हुए उनके पास पहुंचा और उत्सुकता से पूछा, क्या हो रहा है? मीरा हंसते हुए बोली, आज अंजलि का जन्मदिन है! हम अभी खेल खेलने वाले थे और तोहफे खोलने वाले थे। रोहन खुशी से उछल पड़ा, वाह! यह तो मजेदार होगा! क्या मैं भी तुम्हारे साथ खेल सकता हूं? अंजली मुस्कुराई और बोली, बिल्कुल! लेकिन शर्त ये है कि तुम हमारे साथ पतंग भी उड़ाओगे! रोहन खुशी-खुशी मान गया और फिर तीनों दोस्तों ने दिनभर मस्ती की खेल खेले और जन्मदिन का जश्न मनाया। वह दिन उनकी दोस्ती और खुशियों से भरपूर यादगार बन गया।
आनंद आकाश, उम्र-13वर्ष
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रिहान, आलिया और वानी का बगीचे का खेल
रिहान, आलिया और वानी तीन अच्छे दोस्त थे। एक दिन वे बगीचे में खेलने के लिए इक_ा हुए। रिहान ने सोचा आज हम कुछ अलग खेलते हैं। उसने एक नया खेल शुरू करने का फैसला किया। उसने आलिया और वानी से कहा, आज हम डाकू-थाना खेलेंगे। मैं डाकू बनूंगा और तुम दोनों पुलिस। आलिया और वानी भी खुशी-खुशी मान गईं और खेलने के लिए तैयार हो गईं। रिहान ने अपने खेल के लिए कुछ नया सोचा। उसने बगीचे के कोने में रखा एक गमला उल्टा कर लिया और उसपर एक टोपी बना दी। फिर उसने अपनी छोटी सी नकली बंदूक पीछे डाली और अपने खिलौने के घोड़े को लेकर आ गया। लेकिन उसने और भी मजेदार चीज बनाई—उस घोड़े की पूंछ से उसने नकली मूंछें बना लीं।
अब वह डाकू जैसा लगने लगा था। वह बड़ी गंभीर आवाज में बोला, तुम दोनों मुझे तुम्हारा नरम तकिया चाहिए! आलिया और वानी जो खेल में मजे ले रही थीं, रिहान की आवाज सुनकर चौंकीं। लेकिन वे डरने के बजाय खेल के मजे में ही थीं। वे हंसते हुए बोलीं, अच्छा लो तुम्हें तकिया चाहिए तो ले लो। हम तो बस खेल रहे हैं। तभी, अचानक उनकी मम्मी वहां आ गईं। मम्मी ने देखा कि तीनों बच्चे बगीचे में कुछ खेल रहे थे और रिहान ने तकिया छीनने की धमकी दी थी। मम्मी ने उन्हें प्यार से कहा, बच्चों, चोरी और डकैती बुरी बातें हैं। यह खेल में भी ठीक नहीं है। हमें हमेशा अच्छाई की तरफ बढऩा चाहिए। जब हम किसी चीज को चाहते हैं, तो हमें उसे अच्छे तरीके से, किसी से पूछकर लेना चाहिए। रिहान, आलिया और वानी ने मम्मी की बात सुनी और समझ गए। वे मम्मी से कहने लगे हम बस खेल रहे थे, लेकिन हमें अब समझ में आया कि चोरी बुरी होती है। अब से हम ऐसा कभी नहीं करेंगे। मम्मी ने हंसते हुए कहा, यह बहुत अच्छा है कि तुम लोग समझ गए। बचपन में यही समय होता है जब हम अच्छे और बुरे के बारे में सीख सकते हैं।
गर्वित जुनेजा, उम्र-8वर्ष
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रास्ते की मुलाकात
एक सुंदर दिन था, जब एक सिपाही अपने घोड़े पर सवार होकर शहर की सड़कों से गुजर रहा था। उसके पीछे दो लड़कियां रिया और सोनिया, हंसते-बतियाते चल रही थीं। सिपाही ने जब उन्हें देखा, तो वह उनकी खुशी और मस्ती से आकर्षित हो गया। उसने अपने घोड़े को रोका और उनसे बात करने का फैसला किया। नमस्ते लड़कियों! सिपाही ने कहा। आप दोनों कहां जा रही हैं? रिया और सोनिया ने सिपाही को देखा और मुस्कुराईं। हम स्कूल से घर जा रही हैं, रिया ने कहा। सिपाही ने मुस्कुराते हुए कहा, मैं भी आपके स्कूल के पास से गुजर रहा था। क्या मैं आपको घर तक छोड़ सकता हूं? सोनिया ने सिपाही को देखा और कहा, धन्यवाद, लेकिन हमें घर जाने के लिए बहुत दूर नहीं जाना है।
सिपाही ने मुस्कराते हुए कहा, ठीक है, लेकिन मैं आपको एक सवाल पूछना चाहता हूं। क्या आप दोनों मुझे बता सकती हैं कि आप अपने जीवन में क्या बनना चाहती हैं? रिया ने सोचा और कहा, मैं एक डॉक्टर बनना चाहती हूं। सोनिया ने मुस्कुराते हुए कहा, मैं एक शिक्षिका बनना चाहती हूं। सिपाही ने मुस्कुराते हुए कहा, वाह, यह बहुत अच्छा है! आप दोनों अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं। रिया और सोनिया ने सिपाही को धन्यवाद दिया और अपने घर की ओर चली गईं। सिपाही ने उन्हें जाते हुए देखा और सोचा कि वह दोनों लड़कियां अपने सपनों को पूरा करने के लिए निश्चित रूप से कड़ी मेहनत करेंगी।
स्वीटी, उम्र-10वर्ष

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