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एक लाख से अधिक भारतीयों के ‘स्वैच्छिक निर्वासन’ का खतरा

यूएसः दो वर्ष की अवधि का प्रावधान हटने का डर अमरीकाः एच-4 वीजा धारकों से संबंधित प्रावधान हटा तो नहीं मिलेगा दो साल का अतिरिक्त समय वाशिंगटन. एच1-बी वीजा धारकों के वे हजारों भारतीय युवा, जो नाबालिग अवस्था में अमरीका आए थे और अब 21 वर्ष के होने वाले हैं, एक गंभीर अस्तित्व संकट का […]

जयपुरMar 08, 2025 / 12:46 am

Nitin Kumar

4th Batch Of 12 Illegal Indian Immigrants Deported By US Lands In Delhi

4th Batch Of 12 Illegal Indian Immigrants Deported By US Lands In Delhi Today

यूएसः दो वर्ष की अवधि का प्रावधान हटने का डर

अमरीकाः एच-4 वीजा धारकों से संबंधित प्रावधान हटा तो नहीं मिलेगा दो साल का अतिरिक्त समय

वाशिंगटन. एच1-बी वीजा धारकों के वे हजारों भारतीय युवा, जो नाबालिग अवस्था में अमरीका आए थे और अब 21 वर्ष के होने वाले हैं, एक गंभीर अस्तित्व संकट का सामना कर रहे हैं। अब वे एनआरआइ माता-पिता के आश्रित (एच-4 वीजा धारक) नहीं माने जा सकते। टेक्सास में हाल ही में आए एक अदालती फैसले ने इस समस्या को और जटिल बना दिया है, जिसमें डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स (डीएसीए) के तहत नए आवेदकों को वर्क परमिट देने पर रोक लगा दी गई है।
अमरीकी नीति के अनुसार, अब तक एच-4 वीजा धारकों यानी आश्रितों को ‘एजिंग आउट’ (आयुसीमा पार करने) के बाद नए वीजा की स्थिति चुनने के लिए दो साल का समय दिया जाता था, पर हाल ही में आव्रजन नियमों में हुए बदलाव और अदालतों में चल रहे मामलों के कारण उन्हें इस प्रावधान के हटाए जाने का डर सता रहा है। आशंका बनी हुई है कि या तो उन्हें स्वयं भारत लौटने के लिए मजबूर किया जाएगा या फिर वे अमरीका में ‘बाहरी’ के रूप में जीने को मजबूर होंगे। एच-4 वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो एच-1बी वीजा धारकों के आश्रितों को अमरीका आने की अनुमति देता है।
‘डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स’ की चुनौती

डीएसीए अवैध रूप से आए प्रवासियों (जिनमें वे बच्चे भी शामिल हैं जो 21 वर्ष की आयु के बाद अपने माता-पिता के आश्रित नहीं रह पाते) को अस्थायी रूप से दो वर्षों के लिए निर्वासन से सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें नवीनीकरण की संभावना होती है। इस प्रावधान के बिना, भारतीय युवाओं को भविष्य में भारी अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है। और भी गंभीर मुद्दा यह है कि आश्रित बच्चों के माता-पिता ने ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया हुआ है, पर इसके लिए इंतजार का समय 12 से लेकर 100 वर्ष तक है। हालांकि ‘स्वैच्छिक निर्वासन’ के संकट का सामना कर रहे कुछ भारतीय बच्चों पर एफ-1 (छात्र वीजा) का विकल्प है पर यह प्रक्रिया भी आसान नहीं है। कुछ युवा अब कनाडा या यूके जाने पर विचार कर रहे हैं।

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