सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक छत्तीसगढ़ आयुष विभाग (Chhattisgarh AYUSH Department) की संचालक इफ्फत आरा, संयुक्त संचालक डॉ. सुनील दास तथा आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डॉ. जीआर चतुर्वेदी भी बच्चों को स्वर्णप्राशन किट एवं बाल रक्षा किट (Bal Raksha Kit) वितरण के दौरान उपस्थित रहेंगे। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रायपुर में हर पुष्य नक्षत्र की तरह 10 मार्च को भी सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक शून्य से 16 वर्ष तक के बच्चों का निःशुल्क स्वर्णप्राशन (Swarnaprashan) कराया जाएगा।
स्वर्ण प्राशन का लाभ स्वर्ण प्राशन संस्कार स्वर्ण (गोल्ड, Gold) के साथ शहद, ब्रह्माणी, अश्वगंधा, गिलोय (Giloy), शंखपुष्पी, वचा आदि जड़ी-बूटियों से निर्मित एक रसायन है। इसका सेवन पुष्य नक्षत्र के दौरान किया जाता है। यह बहुत ही प्रभावशाली और इम्युनिटी बूस्टर (Immunity Booster) होता है, जो बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करता है। बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ाने में अत्यन्त लाभकारी है। बच्चों के सम्पूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास में मदद करता है। बच्चों की एकाग्रता को बढ़ाता है। बच्चों की श्वसन संबंधी एवं अन्य रोगों से रक्षा करता है।