30 एकड़ में होगा प्लांट का निर्माण
सिंगापुर की कंपनी ने इस फूड प्रोसेसिंग प्लांट के लिए मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के अधिकारियों से मीटिंग भी की है, और जिला उद्योग प्रबंधक राजशेखर पांडेय ने इस बात की पुष्टि की है। कंपनी ने खजुराहो के पास बमीठा और खर्रोही में स्थित जमीन का अवलोकन किया है, और इस प्लांट को 30 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा।
आलू से तैयार होंगे विभिन्न उत्पाद
इस फूड प्रोसेसिंग प्लांट से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। इस प्लांट में लगभग 200 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि तीन हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इस पहल से क्षेत्र में बेरोजगारी दर कम करने में मदद मिलेगी और स्थानीय लोगों को अपने घरों के पास ही रोजगार मिलेगा। इस प्लांट में आलू से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाएंगे, जिनमें प्रमुख रूप से फ्रेंच फ्राई शामिल हैं। खास बात यह है कि इन फ्रेंच फ्राई में मैदा के स्थान पर आलू का आटा इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे यह उत्पाद अधिक पौष्टिक होंगे। इसके अलावा, किसानों को आलू उत्पादन के उन्नत बीज और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे बेहतर उत्पादन कर सकें।
अन्य औद्योगिक परियोजनाएं
इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र ढड़ारी में अन्य प्लांट लगाने के लिए भी कई प्रस्ताव सामने आए हैं। उद्यमी सीए यस अग्रवाल ने 20 करोड़ रुपए की लागत से फ्लोर मिल और ऑयल मिल लगाने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही, हर्ष अग्रवाल ने मेडिकल उपकरण बनाने के लिए 2.71 करोड़ रुपए का निवेश कर प्लांट लगाने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, खजुराहो के पास गरुन गौतम द्वारा एक बायो फ्यूल प्लांट स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। यह प्लांट उनकी निजी जमीन पर स्थापित होगा, और इसमें नेपियर घास से बायो फ्यूल तैयार किया जाएगा। इस बायो फ्यूल को इंडियन ऑयल कंपनी को सप्लाई किया जाएगा। इस परियोजना के लिए इंडियन ऑयल के साथ 15 साल का एग्रीमेंट भी हो चुका है। इस प्लांट के लिए 40 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और यह 2026 तक उत्पादन शुरू कर देगा।
किसानों को मिलेगा लाभ
इस प्लांट के लगने से क्षेत्रीय किसानों को विशेष लाभ मिलेगा। उन्हें आलू की खेती के लिए उन्नत बीज और कृषि तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, कृषि भूमि की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जरूरी जानकारी भी प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। इस पहल से किसानों को एक स्थिर और लाभकारी बाजार मिलेगा।