स्टर्लिंग के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा राजस्थान से आता है जो शानदार ऑक्यूपेंसी रेट और प्रीमियम पेशकश के चलते संभव हुआ है। क्यूरेटेड, हाइ एंड ट्रैवल अनुभवों की बढ़ती मांग के चलते इस क्षेत्र के विकास की संभावना भी लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा, राजस्थान में वैडिंग और माइस (MICE) सेग्समेंट भी स्टर्लिंग के राजस्व में अच्छा योगदान करते हैं, खासतौर से माउंट आबू, उदयपुर, जैसलमेर और रणथंभौर में इस लिहाज से स्थिति काफी अच्छी है।
पिछले वित्त वर्ष में, स्टर्लिंग राजस्थान पोर्टफोलियो ने बढ़ते एडीआर और मजबूत प्रत्यक्ष बुकिंग्स की बदौलत अपने राजस्व में काफी बढ़त दर्ज करायी। राजस्थान की समृद्ध जैव-विविधता और यहां गहन वाइल्डलाइफ अनुभवों की लगातार बढ़ रही मांग के चलते कंपनी रणथंभौर जैसी वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशंस पर ज़ोर दे रही है। स्टर्लिंग ऐसे क्यूरेटेड सफर को साकार कर रहा है जो मेहमानों को सफारी से परे ऐसे अनुभव दिलाए, जिनमें सांस्कृतिक और खानपान के गहन अनुभवों का मेल कराया गया हो। स्टर्लिंग ने अपनी नवाचारी पेशकश जैसे “व्हट-ए-ट्रिप”, जिसमें स्टे, फूड, ट्रांसफर और लोकल साइटसींग समेत क्यूरेटेड सर्किट पैकेज शामिल है, के जरिए अपनी खास पहचान बनाई है।
स्टर्लिंग अरावली उदयपुर, स्टर्लिंग जयसिंहगढ़ उदयपुर और स्टर्लिंग बलीचा उदयपुर में हेरिटेज, स्टर्लिंग रीवाइल्ड सरिस्का, स्टर्लिंग बाघ रणथंभौर तथा स्टर्लिंग रतन विलास जवई में वाइल्डलाइफ, स्टर्लिंग पुष्कर में स्प्रिचुअल रिट्रीट्स, स्टर्लिंग माउंट आबू में हिल स्टेशन और स्टर्लिंग रुद्राक्ष जैसलमेर में डेज़र्टस्केप्स।